भारत की राष्ट्रपति ने सूरीनाम में सामुदायिक स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया
राष्ट्रपति भवन : 07.06.2023
सूरीनाम की अपनी यात्रा के समापन दिवस पर भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कल शाम 6 जून, 2023 को पारामारिबो सूरीनाम में भारत के राजदूत डॉ. शंकर बालचंद्रन द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया। स्वागत समारोह शुरू होने से पहले ओडिशा के बालासोर में रेल दुर्घटना में हुई जनहानि पर शोक व्यक्त करने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और सूरीनाम भले ही भौगोलिक रूप से दूर हों, लेकिन दोनों देश अपने साझा इतिहास और विरासत से जुड़े हुए हैं। सूरीनाम और सूरीनाम के लोग भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि सूरीनाम में भारतवंशी देश के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं और आज भी निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने लगभग सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। भारत को इंडो-सूरीनाम के लोगों की उपलब्धियों और सूरीनाम के विकास में उनकी भूमिका पर बहुत गर्व है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के सेतु का काम करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में कड़ी मेहनत करते रहेंगे और भारत और सूरीनाम के बीच इस अनूठे रिश्ते को और मजबूत करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत परिवर्तन के पथ पर है। भारत तेजी से हो रहे विकास के साथ गति बनाए रखने के लिए नए बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। हम डिजिटल अर्थव्यवस्था, नई तकनीकों, जलवायु परिवर्तन कार्यक्रमों पर वैश्विक नेतृत्व ले रहे हैं; और एक नॉलेज सोसायटी के रूप में उभर रहे हैं। भारत की उल्लेखनीय आर्थिक क्षमता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि भारत अपने अनुभवों को साझा करने और सूरीनाम की प्रगति और विकास में उसका साथ देने के लिए तैयार है।
इससे पहले, राष्ट्रपति ने लाला रूख संग्रहालय, आर्य देवकर मंदिर और विष्णु मंदिर का दौरा किया। उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और पारामारिबो में 'गेवलेन हेल्डेन 1902' के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाद में शाम को, राष्ट्रपति सूरीनाम और सर्बिया की उनकी राजकीय यात्रा के अंतिम चरण बेलग्रेड के लिए रवाना हुईं।