भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा के अधिकारियों, केंद्रीय अभियांत्रिकी सेवा (सड़क) के सहायक कार्यकारी अभियंताओं और भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा और वित्त सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 06.02.2023
भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा के अधिकारियों, केंद्रीय अभियांत्रिकी सेवा (सड़क) के सहायक कार्यकारी अभियंताओं और भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा और वित्त सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज 6 फरवरी, 2023कोराष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मुसे मुलाकात की।
भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा और वित्त सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि शीघ्र आर्थिक प्रगति हासिल करने के लिए डिजिटल कनेक्टिविटी का विकास करने में दूरसंचार क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। डिजिटल इंडिया पहल सरकार को अधिक दक्षता और पारदर्शिता के साथ विभिन्न सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने में मदद कर रही है। हालांकि, हमें अभी भी अलग-थलग पड़ी जनता, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वालों को जोड़ने का प्रयास जारी रखना चाहिए।
भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय नौसेना हमारे समुद्री हितों, व्यापार मार्गों की सफलतापूर्वक रक्षा कर रही है और संकट के समय सहायता प्रदान करती है। भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा मेंहोने के नातेवे नौसैनिक जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों को महत्वपूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने में प्रमुख जिम्मेदारियां निभाएंगे।
केन्द्रीयअभियांत्रिकीसेवा (सड़क) के अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि किसी राष्ट्र की आर्थिक बढ़ोतरी और विकास के लिए कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा महत्वपूर्ण होते हैं। हाल के वर्षों में, सरकार ने नए राजमार्ग बनानेऔर मौजूदा राजमार्गों के विकासके लिए कई पहल की हैं। इससे माल का तेजी से आवागमन सुनिश्चित होगा और लोगों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी और साथ ही इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। केन्द्रीयअभियांत्रिकीसेवा के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा शुरू की जाने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाएं ऊर्जा बचाने वाली हों, पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ हों। उन्होंने उनसे सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सर्वोत्तम इंजीनियरिंग और तकनीकी समाधानों की खोज करने और उन्हें लागू करने का आग्रह किया।