सैन्य अभियंता सेवाएं के प्रशिक्षु अधिकारियों ने भारत की राष्ट्रपति से मुलाकात की

राष्ट्रपति भवन : 05.01.2023

सैन्य अभियंता सेवाएं (एमईएस) के प्रशिक्षु अधिकारियों ने आज 5 जनवरी, 2023 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे ऐसे समय में सेवाओं में शामिल हुए हैं जब भारत ने अमृत काल में प्रवेश किया है और जी20 की अध्यक्षता भी ग्रहण की है। यह वह समय है जब दुनिया नए नवाचारों और समाधानों के लिए भारत की ओर देख रही है। सैन्य अभियंता सेवाएं के अधिकारियों के रूप में, वे सभी रक्षा के अंगों, अर्थात थल सेना, वायु सेना, नौसेना, तटरक्षक और अन्य संगठनों को रियर लाइन इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे सशस्त्र बलों को जो समर्पित इंजीनियरिंग सहायता प्रदान करते हैं, उससे उनका समग्र प्रदर्शन बढ़ता है और उन्हें किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि निर्माण के क्षेत्र में युवा अधिकारियों के रूप में, एमईएस अधिकारियों का मुख्य कर्तव्य पर्यावरण की देखभाल करना भी है। हमें सतत विकास के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एमईएस बड़ी संख्या में सौर फोटोवोल्टिक परियोजनाओं को पूरा करके राष्ट्रीय कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में बहुत योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि वे ऐसी नई निर्माण सामग्री का पता लगा सकते हैं और उनका उपयोग कर सकते हैं जो निवासियों को खतरनाक रसायनों से बचाती हो। उन्होंने कहा कि चारों और प्राकृतिक सामग्री होने पर समग्र मानव कल्याण को बढ़ावा मिलता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि निर्माण क्षेत्र बहुत गतिशील है और प्रौद्योगिकियां बहुत तेजी से बदल रही हैं। यह क्षेत्र आर्थिक वृद्धि और विकास में प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि एमईएस अधिकारी परियोजना प्रबंधन के आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर अवसंरचनात्मक ढांचे के विकास में अत्यधिक योगदान दे सकते हैं। उन्होंने उनसे अपनी भविष्य की परियोजनाओं में अत्याधुनिक तकनीकों जैसे मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे अधिक कुशल डिजाइन बनाने और निर्माण कम समय सीमा में पूरा करने में मदद मिलेगी।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि एमईएस ने गांधीनगर, गुजरात में अब तक का पहला 3डी प्रिंटेड हाउस का निर्माण पूरा कर लिया है। उन्होंने एमईएस अधिकारियों से ऐसी तकनीकों का अधिक उपयोग करने का प्रयास करने का आग्रह किया जो लागत प्रभावी हैं और जिनसे सामग्री बर्बाद होने से बचती है। उन्होंने जहां भी संभव हो सामग्रियों के रिसाइकिल को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।

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