भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के परिवीक्षा अधिकारियों ने राष्ट्रपति से भेंट की
राष्ट्रपति भवन : 22.01.2025
भारतीय रक्षा लेखा सेवा और भारतीय दूरसंचार सेवा के परिवीक्षा अधिकारियों के एक समूह ने आज 22 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से भेंट की।
परिवीक्षा अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे भारत की विकास यात्रा के एक परिवर्तनकारी क्षण में सेवाओं में आए हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों का सम्मिलन, सूचना का तेज गति से प्रसार और बदलते वैश्विक परिदृश्य से जटिलताएं तो बढ़ी हैं साथ ही रोमांचक माहौल भी बना है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भारत के समावेशी विकास और भारत को वैश्विक रूप से अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि अपने दायित्वों को निभाते समय हमेशा नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाएं और इसे बढ़ावा दें। उन्हें समाज के वंचित वर्गों और बेसहारा लोगों की जरूरतों और आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर निर्णय लेना है। उनके विचार, निर्णय और कार्य महत्वपूर्ण होंगे जो देश के भविष्य को दिशा देंगे।
भारतीय रक्षा लेखा सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे हमारे देश के सशस्त्र बलों के वित्तीय पहलुओं की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्हें निर्बाध वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने, जवाबदेही के दायित्व को बढ़ावा देने और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की जिम्मेदारियां निभानी है। उन्होंने, उनसे ऑडिटिंग और अकाउंटिंग प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और नवीन तरीकों का प्रयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अपने कार्य को पूरी लगन से करके वे न केवल हमारे सशस्त्र बलों के वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ करेंगे बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा और समृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दो दशकों में भारत में मोबाइल टेलीफोनी और हाई-स्पीड इंटरनेट नेटवर्क आधारित एक परिवर्तनकारी दूरसंचार क्रांति हुई है। इस क्रांति ने भारत की विशाल डिजिटल क्षमता को नया आयाम दिया है। आईटीएस अधिकारी बुनियादी दूरसंचार ढांचे के माध्यम से डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाकर, नागरिकों को सशक्त बनाने और समग्र रूप से जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके देश के समावेशी विकास में मदद कर सकते हैं। उन्होंने दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार क्षेत्र में अनुसंधान और विकास पर ध्यान देने का आग्रह किया।