भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा, भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) तथा भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रोबेशनर्स ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 26.12.2023
भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) और भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रोबेशनर्स ने आज 26 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए कहा कि शासन प्रणाली में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उन्हें सार्वजनिक सेवा के दौरान देश की सेवा करने का अवसर मिलेगा। वे अपने-अपने क्षेत्रों में अभिनव, स्मार्ट और नागरिक-केंद्रित कार्यप्रणाली से भारत की विकास यात्रा में अत्यधिक योगदान देंगे। उन्होंने उन्हें यह याद रखने की सलाह दी कि उनके कार्यों और निर्णयों का सभी नागरिकों के जीवन पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अपने कार्य के प्रति सत्यनिष्ठा, कड़ी मेहनत और ईमानदारी रखकर वे लोगों के विकास की गति सुनिश्चित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें जन-विश्वास के संरक्षक और वित्तीय विवेक के संरक्षक के रूप में कार्य करना है। उनको निर्णय लेते समय और उन निर्णयों को कार्यरूप देते समय सदा सच्चाई, पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखनी है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे विभाग का हिस्सा होने पर गर्व अनुभव करना चाहिए जिसने वर्षों से शासन प्रणाली में अपनी स्थिति मजबूत की है। उन जैसे युवा अधिकारियों का कर्तव्य है की वे अपनी इस समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएँ।
भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें कई शुल्कों और करों के प्रशासन और संग्रह का काम सौंपा जाएगा। विविध कार्यों को कुशलता से करने के लिए, उन्हें सभी क्षेत्रों में नवीनतम प्रगति की जानकारी रखनी होगी, साथ ही अन्य सेवाओं और विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना होगा।
राष्ट्रपति ने भारतीय सांख्यिकी सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि डेटा या सांख्यिकी, नीतियों के निर्माण से लेकर कार्यक्रमों और योजनाओं के परिणामों का विश्लेषण करने तक की सभी गतिविधियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण आधार होता है। अंतरराष्ट्रीय मानकों की नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके सटीक और उच्च गुणवत्ता वाले डेटा सेट तैयार करने की भी आवश्यकता है। अनेक चैनलों के माध्यम से सूचना की बढ़ती उपलब्धता से प्रामाणिक और सटीक आंकड़ों का महत्व कई गुना बढ़ चुका है। उन्होंने कहा कि आईएसएस अधिकारियों को आधिकारिक आंकड़ों को संकलित करने और सर्वेक्षण कार्यों के प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा, डेटा साइंस और अन्य क्षेत्रों के नवीनतम तरीकों का उपयोग करना होगा।