भारत की राष्ट्रपति, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं

राष्ट्रपति भवन : 23.12.2024

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 23 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। 

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा का पेशा केवल आजीविका का साधन मात्र नहीं है। यह एक ऐसा पेशा है जो लोगों के दुखों को कम करने, बीमार लोगों का उपचार करने और समाज की भलाई में योगदान देने की पवित्र जिम्मेदारी देता है। चिकित्सा के पेशे से जुड़े डॉक्टरों, शोधकर्ताओं अथवा शिक्षकों के ऊपर लोगों के स्वास्थ्य और जीवन को बेहतर बनाने तथा उनकी रक्षा करने की जिम्मेदारी है। 

राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टरों के पास आने वाला रोगी केवल चिकित्सकीय मामला नहीं होता। वह बीमारी से परेशान तथा आशंका और उम्मीद के बीच उलझा हुआ एक इंसान होता है। उसका केवल चिकित्सकीय उपचार ही नहीं, बल्कि उत्साहवर्धन भी आवश्यक है। इसलिए आपकी भूमिका, केवल डॉक्टर की ही नहीं, बल्कि सहानुभूति से परिपूर्ण एक हीलर की भी होनी चाहिए। 

राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग ने चिकित्सा और इंजीनियरिंग संस्थानों के बीच परस्पर सहयोग को अत्यंत महत्वपूर्ण बना दिया है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, एमआरएनए प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स, 3डी बायोप्रिंटिंग में हो रहे प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन लाने वाले हैं और इनमें इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका है। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए दिल्ली स्थित विभिन्न महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर सकता है। अलग-अलग विषयों के ज्ञान को एक दूसरे के साथ साझा करना सबके हित में होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि विगत कुछ वर्षों में भारत सरकार ने ‘स्वस्थ भारत’ के निर्माण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन प्रयासों के सुखद परिणाम भी आ रहे हैं। लेकिन, इन सभी प्रयासों की सतत सफलता में सभी भागीदारों का सहयोग आवश्यक है। कुशल और समर्पित चिकित्सकों के बिना सरकार द्वारा बनाए गए स्वास्थ्य संबंधी मूलभूत ढाँचे का समुचित उपयोग नहीं हो सकेगा। 

राष्ट्रपति ने कहा कि हम सब ने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने में युवा चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। स्वास्थ्य के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और उद्यमिता के द्वारा भारत को अग्रिम पंक्ति में लाना युवा चिकित्सकों का संकल्प होना चाहिए। 

राष्ट्रपति ने कहा कि सफदरजंग अस्पताल में देशभर से औसतन दस हजार लोग प्रतिदिन इलाज़ के लिए आते हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि रोगियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सफदरजंग अस्पताल द्वारा लगातार नई पहलें की जाती हैं और रोबोटिक रीनल ट्रांसप्लांट, रोबोटिक कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी अत्याधुनिक सुविधा लोगों को कम खर्च पर उपलब्ध कराई जाती हैं।

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