भारत की राष्ट्रपति राजभवन श्रीनगर में नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 11.10.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज शाम 11 अक्तूबर, 2023 को राजभवन, श्रीनगर में उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली यात्रा पर गर्मजोशी से स्वागत के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने वाली जम्मू-कश्मीर की जानी-मानी हस्तियों की मौजूदगी पर खुशी जाहीर की। उन्होंने कहा कि उन्होंने न केवल इस क्षेत्र का बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर प्राचीन काल से ही कला, संस्कृति और शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है। करीब 2000 साल पहले चतुर्थ बौद्ध संगीति कश्मीर में हुई थी। विद्वानों का मानना है कि लगभग 1300 वर्ष पूर्व श्रीनगर में शंकराचार्य ने शक्ति की महिमा का वर्णन करने के लिए सौंदर्य लहरी तथा आनंद लहरी की रचना की थी। लल द्येद के शब्द और शेख नूरूद्दीन की नसीहतें आज भी मानवता को सही राह दिखा रही हैं। जैनुल आबदीन जैसे हुक्मरानों ने अदब और रूहानियत को बढ़ावा दिया। धर्म और साहित्य दोनों क्षेत्रों में अद्भुत योगदान देने वाले अभिनवगुप्त ने 10वीं सदी में साहित्य का एक बहुत अच्छा सिद्धान्त समझाया था जो ज़िंदगी के हर पहलू के लिए सही साबित होता है। उन्होंने कहा था कि 'शांत रस' ही सभी 'रसों' का स्रोत है। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि हमें शांत रस और शांति को सबसे बड़ा मानने की जम्मू-कश्मीर की उस विरासत को लगातार मजबूत बनाना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज का कश्मीर अपनी विरासत के मुताबिक नई करवट ले रहा है। तरक्की, अमन-चैन और खुशहाली का एक नया दौर शुरू हुआ है। बुनियादी ढांचे के विकास, ई-गवर्नेंस, स्वास्थ्य देखभाल, आवास, महिला सशक्तिकरण, आदिवासी आउटरीच और समावेशी विकास में बहुत बड़े पैमाने पर बदलाव आया है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस साल सितंबर तक लगभग 1.7 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए हैं, जो कि एक रिकॉर्ड है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश अमृत काल से गुजर रहा है। वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की ओर जम्मू-कश्मीर के लोग भी उत्साह के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि जम्मू-कश्मीर के लोग शांति, प्रगति और देशप्रेम के रास्ते पर जम्मू-कश्मीर के लोग हम-कदम हो कर आगे बढ़ते रहेंगे।
इससे पहले, दिन में, राष्ट्रपति ने श्रीनगर के राजभवन में स्थानीय आदिवासी समूहों और महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ बातचीत की।