भारत की राष्ट्रपति फिजी में; फिजी के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं
फिजी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान - कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी प्रदान किया
फिजी संसद को संबोधित किया; कहा कि भारत जलवायु न्याय के लिए फिजी और अन्य महासागरीय देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा
फिजी में भारतीय समुदाय को संबोधित किया; कहा कि हम दुनिया भर में प्रवासी भारतीय भाई-बहनों को अपने सपनों के भारत की निर्माण यात्रा में महत्वपूर्ण भागीदार और हितधारक के रूप में देखते हैं।
राष्ट्रपति भवन : 06.08.2024
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज सुबह 6 अगस्त, 2024 को नाडी से सुवा, फिजी पहुंचीं, जहां वह कल फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की अपनी राजकीय यात्रा के पहले चरण में पहुंचीं। हवाई अड्डे पर फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी राबुका उन्हें लेने पहुंचे और उनका औपचारिक स्वागत किया। यह किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की पहली फिजी यात्रा है। इस यात्रा पर राष्ट्रपति मुर्मु के साथ राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन और लोकसभा सांसद श्री सौमित्र खान और श्री जुगल किशोर भी हैं।
फिजी के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में राष्ट्रपति मुर्मु के लिए एक पारंपरिक स्वागत समारोह आयोजित किया गया था। इसके बाद, राष्ट्रपति ने स्टेट हाउस का दौरा किया जहां फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली काटो-निवेरे ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने भारत-फिजी संबंधों को और गहरा करने के उपायों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत प्रशांत द्वीप देशों (पीआईसी) के साथ अपने संबंधों और विकास साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और इनमें फिजी एक महत्वपूर्ण साझीदार है।
स्टेट हाउस में, फिजी के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को फिजी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान - कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी - से सम्मानित किया। राष्ट्रपति मुर्मु ने 'राज्य प्रमुखों के आवासों का सोर-ऊर्जाकरण' परियोजना की प्रगति की भी जांच की, यह एक भारतीय पहल है जिसका उद्घाटन पिछले वर्ष फरवरी में किया गया था।
अगले कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने फिजी की संसद को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत और फिजी में भारी अंतर के बावजूद दोनों देशों के जीवंत लोकतंत्र सहित बहुत सी बाते एक समान हैं। उन्होंने फिजी के सांसदों को आश्वासन दिया कि जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देने के समृद्ध अनुभव के साथ एक नजदीकी मित्र और साझीदार के रूप में, भारत फिजी के साथ साझेदारी करता रहेगा।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आज, फिजी को जलवायु परिवर्तन और मानव संघर्षों के समाधान पर केंद्रित दो प्रमुख वैश्विक चुनौतियों के संबंध में हमारे साझा प्रयासों हेतु बढ़ते योगदान के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। चाहे वह जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक वार्ता को आकार देना हो या महासागर-देशों के सरोकारों को व्यक्त करना हो, फिजी दुनिया के हित में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है। भारत दुनिया में फिजी की बढ़ती प्रमुख भूमिका को बहुत महत्व देता है और उसकी सराहना करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया को फिजी से अभी बहुत कुछ सीखना है, जैसे फिजी की सौम्य जीवन शैली, परंपराओं और रीति-रिवाजों के प्रति गहरा सम्मान और एक स्वतंत्र और बहुसांस्कृतिक वातावरण। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि विभिन्न क्षेत्रों में भारत-फिजी सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि ग्लोबल साउथ की एक शक्तिशाली आवाज होने के नाते भारत जलवायु न्याय के लिए फिजी और अन्य महासागरीय देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।
इसके बाद के कार्यक्रम में फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी राबुका ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापक चर्चा की और ऐतिहासिक संबंधों को और आगे ले जाने और दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन का सामना करने और स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास पर ध्यान देने के लिए फिजी के साथ अपनी विकास साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री सितिवेनी राबुका ने (i) भारतीय उच्चायोग कार्यालय और भारतीय सांस्कृतिक केंद्र परिसर, सुवा और (ii) 100 बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, सुवा के लिए परियोजना स्थलों के आबंटन के लिए कागजात सौंपने के लिए एक समारोह की अध्यक्षता की।
राष्ट्रपति ने भारतीय प्रवासी समुदाय की उत्साह से परिपूर्ण सभा को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 145 वर्ष पहले फिजी आए और सभी बाधाओं के बावजूद अपनी नई मातृभूमि में फले-फूले 'गिरमिटिया' मजदूरों का दृढ़ संकल्प और तालमेल दुनिया के लिए प्रेरणा का बड़ा स्रोत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम दुनिया भर में प्रवासी भारतीय समुदाय को अपने सपनों के भारत की निर्माण यात्रा में महत्वपूर्ण भागीदार और हितधारक के रूप में देखते हैं।
राष्ट्रपति ने शहीद सैनिकों की स्मृति के सम्मान में सुवा में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का भी दौरा किया। उन्होंने महात्मा गांधी मेमोरियल हाई स्कूल का भी दौरा किया, जहां उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
दिन के अंतिम आधिकारिक कार्यक्रम में, फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली काटो- निवेरे ने स्टेट हाउस में राष्ट्रपति मुर्मु के सम्मान में एक सम्मान-समारोह का आयोजन किया, जिसमें जीवन के सभी क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठित फिजीवासी शामिल हुए। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में, राष्ट्रपति ने गर्मजोशी से उनके स्वागत के लिए राष्ट्रपति काटो-निवेरे, प्रधानमंत्री राबुका और फिजी की सरकार और लोगों का धन्यवाद किया।
सुवा में आधिकारिक कार्यक्रमों के सफल समापन के बाद, राष्ट्रपति नाडी के लिए रवाना हो गईं, जहां से वह कल विमान से ऑकलैंड, न्यूजीलैंड के लिए रवाना होंगी।