भारत की राष्ट्रपति ने स्टार्टअप और यूनिकॉर्न चला रही अग्रणी महिलाओं से बातचीत की
आप केवल अग्रणी व्यवसायी नहीं हैं; आप परिवर्तन लाने वाली हैं: राष्ट्रपति मुर्मु ने महिला उद्यमियों से कहा
राष्ट्रपति भवन : 18.01.2024
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 18 जनवरी, 2024 को राष्ट्रपति भवन में उन महिलाओं के एक समूह से बातचीत की, जो प्रमुख स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न की संस्थापक और सह-संस्थापक हैं। यह बैठक "राष्ट्रपति की जनता से मुलाक़ात" पहल के तहत हुई, जिसका उद्देश्य लोगों के साथ गहरा संबंध स्थापित करना और उनके योगदान को मान्यता देना है।
महिला उद्यमियों से बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि इन महिला उद्यमियों ने भारतीय कारोबारी माहौल को बदल दिया है। उन्होंने रेखांकित किया कि 'स्टार्ट-अप इंडिया' कार्यक्रम हमारे युवाओं की क्षमता का उपयोग करने और देश में उद्यमशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। उन्होंने इस कार्यक्रम के उद्देश्य को प्राप्त करने में अमूल्य योगदान देने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आप जैसे युवाओं के अभिनव प्रयासों के कारण, आज भारत लगभग 1,17,000 स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उद्यमियों के रूप में उनकी यात्रा और उपलब्धियां लोगों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। तकनीकी स्टार्ट-अप से लेकर सामाजिक उद्यमों तक, उनका कार्य उद्यमिता के क्षेत्र में भारतीय महिलाओं की विविध क्षमताओं के आयामों के बारे में एक गहरी जानकारी देता है। उन्होंने कहा कि उनका योगदान आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है। उन्होंने सदियों पुरानी बाधाओं को तोड़ा है और भावी पीढ़ियों के सशक्तीकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। वे एक समावेशी आर्थिक भविष्य के निर्माता हैं जिसमें प्रगति का मार्ग महिला-पुरुष के आधार पर नहीं वरन प्रतिभा और महत्वाकांक्षा के आधार पर प्रशस्त होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि आप केवल अग्रणी व्यवसायी नहीं हैं; बल्कि बदलाव की अग्रदूत हैं। वे उन लाखों युवा महिलाओं के लिए आदर्श बनी हैं जो अपनी प्रगति और विकास का सपना देखने का साहस रखती हैं।
राष्ट्रपति ने महिला उद्यमियों से आग्रह किया कि वे अन्य उद्यमशील महिलाओं की पहचान करें और उनके सशक्तीकरण की यात्रा में उनका सहयोग करने के नए उपाय तलाशें। उन्होंने कहा कि ऐसी बहुत-सी महिलाएं हैं जो आर्थिक स्वतंत्रता का सपना देखती हैं, लेकिन उन्हें इस लक्ष्य को पाने के लिए अपनाए जाने वाले रास्ते की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता से एक लहर चलनी चाहिए ताकि हम देश के सभी हिस्सों से सफलता की ऐसी ही कहानियां सुनने को मिले। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसे भारत के निर्माण के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लेना चाहिए जहां प्रत्येक महिला सशक्त हो और प्रत्येक युवा महिला अपने सपनों को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े।