भारत की राष्ट्रपति ने "साइलेंट कन्वर्सेशन: फ्रॉम मार्जिन्स टू द सेंटर" कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

राष्ट्रपति भवन : 03.11.2023

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 3 नवंबर, 2023 को नई दिल्ली में "साइलेंट कन्वर्सेशन: फ्रॉम मार्जिन्स टू द सेंटर" नामक एक कला प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी का आयोजन राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा सांकला फाउंडेशन के सहयोग से प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए किया जा रहा है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज विश्व के कुल बाघों की 70 प्रतिशत आबादी भारत में पाई जाती है और इस उपलब्धि में टाइगर रिजर्व और राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास रहने वाले समुदायों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस प्रदर्शनी में टाइगर रिजर्व के आसपास रहने वाले लोगों तथा वनों और वन्य-जीवों के बीच के सम्बन्धों  को कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की विकराल समस्या को देखते हुए समग्र एवं सामूहिक प्रयास की जरूरत है। न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए, बल्कि मानवता के अस्तित्व के लिए भी हमें आदिवासी समुदायों के जीवन-मूल्यों को अपनाना होगा। हमें उनसे सीखना होगा कि कैसे प्रकृति के साथ  सामंजस्य बनाकर रहते हुए भी समृद्ध एवं खुशहाल जीवन संभव है।

राष्ट्रपति ने कहा कि अनियंत्रित भौतिकवाद, केवल व्यावसायिकता और लालच भरे अवसरवाद से इस धरती पर ऐसी स्थिति बन गई है जहां जीवन के पंच महाभूतों की कठिनाई और अशांति बढ़ गई है। जलवायु परिवर्तन ने खाद्य और जल सुरक्षा की चिंताएँ बढ़ा दी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पारंपरिक और आधुनिक सोच को जोड़ने की आवश्यकता को पहचानकर हमारी संरक्षण, अनुकूलन और उपशमन रणनीतियों को और मजबूत करने की जरूरत है। हमें स्वदेशी ज्ञान को संरक्षित करने, बढ़ावा देने और इसका उपयोग करने की आवश्यकता है। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि वन बल के वन रक्षक और उसके योग्य बेटे-बेटियां समाज में अपने अधिकारों, उचित स्थान और मान्यता से वंचित न रहें।

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