भारत की राष्ट्रपति ने रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय, सिकंदराबाद को राष्ट्रपति-निशान प्रदान किया
राष्ट्रपति भवन : 20.12.2024
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 20 दिसंबर, 2024 को रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय, सिकंदराबाद को राष्ट्रपति-निशान प्रदान किए।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकसित रक्षा प्रबंधन क्षमता से कूटनीतिक और सैन्य साझेदारी को मजबूत करने और रक्षा निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे भारत को वैश्विक सुरक्षा मंचों पर सक्रिय रुख अपनाने में भी मदद मिलेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी में प्रगति होने से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। युद्ध की पारंपरिक परिभाषाओं और पद्धतियों को उभरती प्रौद्योगिकियों और नई रणनीतिक साझेदारियों से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत उभरती प्रौद्योगिकियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को उच्च प्राथमिकता दे रहा है और दक्षता बढ़ाने और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए भारतीय रक्षा प्रणालियों में उनका उपयोग कर रहा है। हम अपने पारंपरिक बलों को उन्नत करने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ड्रोन, साइबर वारफेयर क्षमताओं और अंतरिक्ष रक्षा प्रौद्योगिकियों सहित अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने के समग्र दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों को नवीनतम तकनीकी विकास के साथ-साथ परिचालन गतिशीलता में हो रहे बदलाव से स्वयं को अपडेट रखना आवश्यक है। ग्रे जोन वारफेयर और हाइब्रिड वारफेयर के इस युग में, रक्षा प्रबंधन महाविद्यालय जैसे संस्थानों की भूमिका और महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने सभी से समय के साथ चलने और तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य में उत्कृष्टता के लिए प्रयासरत रहने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि बहुपक्षीय आर्थिक और सैन्य ढांचे और कार्यक्रमों के माध्यम से, क्षेत्रीय और वैश्विक रक्षा चर्चाओं में भारत का प्रभाव काफी बढ़ा है। वैश्विक स्तर पर भारत की रक्षा क्षमताओं से भारत की ताकत और दूरदर्शी दृष्टि, दोनों का पता चलता है। आत्मनिर्भरता, तकनीकी उन्नति और रणनीतिक सहयोग पर ध्यान केंद्रित करके, भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा तो कर ही रहा है साथ ही वैश्विक शांति और स्थिरता में भी योगदान दे रहा है।