भारत की राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए
राष्ट्रपति भवन : 22.10.2024
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 22 अक्तूबर, 2024 को नई दिल्ली में पाँचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए पानी एक मूलभूत आवश्यकता है और साथ ही उसका बुनियादी मानवाधिकार भी है। स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना स्वच्छ और समृद्ध समाज का निर्माण नहीं किया जा सकता है। जल उपलब्ध नहीं होने और समुचित स्वच्छता नहीं होने से वंचित वर्ग के स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और जीविकोपार्जन पर ज्यादा गंभीर असर पड़ता है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य होने के बाद भी कि पृथ्वी पर मीठे-पानी के संसाधन सीमित मात्रा में उपलब्ध है, हम जल संरक्षण और प्रबंधन की उपेक्षा कर देते हैं। मानव निर्मित कारणों से ये संसाधन प्रदूषित हो रहे हैं और समाप्त भी हो रहे हैं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारत सरकार ने जल संरक्षण और जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए कई सराहनीय कदम उठाए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जल संरक्षण हमारी परंपरा का हिस्सा है। हमारे पूर्वज गांवों के पास तालाब बनवाते थे। वे मंदिरों के पास या उनके भीतर जलाशय बनवाते थे, ताकि पानी की कमी की स्थिति में संचित पानी का उपयोग किया जा सके। दुर्भाग्य से हम अपने पूर्वजों के ज्ञान को भूलते जा रहे हैं। कुछ लोगों ने निजी स्वार्थ के लिए जलाशयों पर अतिक्रमण कर लिया है। इससे न केवल सूखे के दौरान पानी की उपलब्धता प्रभावित होती है, बल्कि अधिक वर्षा होने पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि जल संसाधनों का संरक्षण और संवर्द्धन हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। हमारी सक्रिय सहभागिता के बिना जल-आत्म निर्भर भारत का निर्माण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हम छोटे-छोटे प्रयासों के माध्यम से बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, हमें अपने घरों के नलों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए, इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ओवरहेड वाटर टैंक से पानी व्यर्थ न बहे, अपने घरों में जल संचयन की व्यवस्था करनी चाहिए और सामूहिक रूप से पारंपरिक जलाशयों का जीर्णोद्धार करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का आयोजन जल संसाधनों के प्रति सम्यक दृष्टिकोण और कार्यों को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पुरस्कार विजेताओं की "सर्वोत्तम प्रथाएँ" इस इस समारोह के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचेंगी। राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का उद्देश्य लोगों में जल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और उन्हें जल के सर्वोत्तम उपयोग की प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करना है। पाँचवाँ राष्ट्रीय जल पुरस्कार नौ श्रेणियों में प्रदान किया गया - सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ विद्यालय अथवा महाविद्यालय, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्थान (विद्यालय अथवा महाविद्यालय के अलावा) और सर्वश्रेष्ठ सिविल सोसाइटी।