भारत की राष्ट्रपति ने मावफलांग में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया; सड़क और पर्यटन परियोजनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास किया
राष्ट्रपति भवन : 16.01.2024
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 16 जनवरी, 2024 को मावफलांग, मेघालय में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। उन्होंने विकसित रोंगजेंग मांगसांग एडोकग्रे रोड और मैरांग रानीगोडाउन अजरा रोड का वर्चुअली उद्घाटन किया और साथ ही शिलांग पीक रोपवे और कोंगथोंग, मावलिंगोट और कुडेनग्रिम गांवों में पर्यटक आवास का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्राचीन काल से ही जनजातीय लोग स्वदेशी ज्ञान, संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेघालय के लोगों का मानना है कि 'ऊ बासा' अर्थात देवी हरे-भरे जंगलों में निवास करती हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन जनजातीय प्रथाओं का अध्ययन किया जाना चाहिए कि कैसे मनुष्य और प्रकृति के बीच सहजीवी संबंध बने रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय जीवनशैली का जैव-विविधता संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में बड़ा योगदान है।
राष्ट्रपति ने जलवायु संरक्षण और जलवायु से जुड़े कार्यों में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह स्थापित तथ्य है कि महिलाएं संरक्षण प्रयासों में मूल भूमिका निभाती हैं। जनजातीय समाजों में महिलाएं पर्यावरण की सुरक्षा करने का पथ प्रशस्त करती हैं और अनुकूलन और शमन को बढ़ावा देने के लिए अपने ज्ञान और कौशल को साझा करती हैं। जलवायु पहलों और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाकर प्रभावी जलवायु कार्रवाई और जैव-विविधता संरक्षण की दिशा में और अधिक कार्य किया जा सकता है।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि मेघालय एक मॉडल राज्य बनने के लिए दृढ़ता से प्रयास कर रहा है और आधुनिकता और परंपरा में संतुलन बना कर चल कर रहा है। उन्होंने कहा कि अच्छे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, उच्च निर्यात और गतिशील जनसांख्यिकी के साथ मेघालय, विकास का एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है जिससे और राज्य प्रेरणा ले सकते हैं।