भारत की राष्ट्रपति ने केएलई कैंसर अस्पताल का उद्घाटन किया
राष्ट्रपति भवन : 03.01.2025
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 3 जनवरी, 2025 को कर्नाटक के बेलगावी में केएलई कैंसर अस्पताल का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार, कैंसर दुनिया में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। वर्ष 2022 में दुनिया भर में अनुमानतः 20 मिलियन नए कैंसर के मामले सामने आए और 9.7 मिलियन मौतें हुई। भारत में प्रति एक लाख व्यक्तियों में कैंसर के लगभग 100 मरीज हैं। आईसीएमआर द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में वर्ष 2020 की तुलना में 2025 में कैंसर के मामलों में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य चिकित्सा पेशेवरों का यह कर्तव्य है कि वे कैंसर रोगियों की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह से व्यापक देखभाल करें। उन्होंने कहा कि डॉक्टर द्वारा कहे गए सहानुभूति और करुणाभरे शब्दों में मरीज के जीवन को बेहतर बनाने की शक्ति होती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि कैंसर के कारणों, निदान और उपचार के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाना चाहिए। ऐसे अनेक मामले सामने आते हैं, जहाँ या तो रोगी और परिवार वालों को पता नहीं होता अथवा आर्थिक समस्या के कारण, रोगों के निदान और उपचार में देरी हो जाती है। किंतु कैंसर के मामले में, यह घातक साबित होता है। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसे रोग के खिलाफ लड़ाई हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी से मिलकर एक ऐसा स्वास्थ्य सेवा तंत्र बनाने का आग्रह किया, जो विश्व स्तरीय होने के साथ-साथ रोगी-केंद्रित और न्यायोचित भी हो।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम देखते हैं कि समाज में, लड़कियों की तुलना में लड़कों के स्वास्थ्य को अधिक महत्व दिया जाता है। पुरुषों और महिलाओं के प्रति यह अलग व्यवहार बाद में भी देखा जाता है। अनेक बार, एक ही परिवार की महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समय पर निदान और उपचार नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कैंसर के मामले में किसी भी प्रकार के विलंब के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने हर परिवार से आग्रह किया कि महिलाओं को अपनी समस्याएं बताने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि परिवार तथा समाज के प्रत्येक सदस्य को महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होना चाहिए तथा उनकी देखभाल करने और उन्हें समय पर उचित उपचार उपलब्ध कराने में सक्रिय योगदान देना चाहिए।