भारत की राष्ट्रपति ने गोवा विधान सभा के सदस्यों को संबोधित किया
राष्ट्रपति मुर्मु ने सार्वजनिक जीवन और गोवा के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का आग्रह किया
राष्ट्रपति भवन : 23.08.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 23 अगस्त, 2023 को पोरवोरिम, गोवा में गोवा विधान सभा के सदस्यों को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें ऐसी जनता के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है जो भिन्न- भिन्न धर्म, आस्था और पंथ को मानते हुए भी एक गोवा’और‘एक भारत’में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के साथ अभिन्नता का यह विश्वास गोवा-वासियों में सदैव विद्यमान रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी भी गोवा की मुक्ति के बिना अधूरी थी और इसी भावना से ओत-प्रोत होकर देशभर के लोगों ने गोवा मुक्ति आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं और सिविल सोसाइटी के लोगों ने गोवा की स्वतन्त्रता के लिए आंदोलन किया। उन्होंने कहा कि गोवा मुक्ति आंदोलन के दौरान गोवा के क्रांतिकारियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और 'जय हिंद' नारे का प्रयोग भी इस बात का प्रमाण था कि गोवा के लोग विदेशी शासन से मुक्त होने के बाद भारत के साथ एकीकृत होना चाह रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास के अनेक मानकों पर गोवा अग्रणी राज्यों में शामिल है। इस राज्य में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद राष्ट्रीय औसत से लगभग ढाई गुना अधिक है। जल प्रबंधन, निर्यात तैयारी, नवाचार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मानकों पर भी गोवा देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। हालाँकि, एक क्षेत्र जिस पर गोवा सरकार और लोगों को ध्यान देने की ज़रूरत है वह है सार्वजनिक जीवन और कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी। उन्होंने कहा कि गोवा में कामकाजी महिलाओं का अनुपात अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने कहा कि गोवा जैसे उदारवादी समाज के लिए यह उचित स्थिति नहीं है और इस स्थिति को बदलने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि संसद और राज्य विधानमण्डल वे पवित्र संस्थान हैं जो लोगों की संप्रभुता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन पवित्र स्थानों पर जन प्रतिनिधि जनहित के विषय पर चर्चा करते हैं और उन पर निर्णय लेते हैं। इसलिए कार्यवाही में सदस्यों की सार्थक और प्रभावी भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से गोवा विधानसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रसारण के द्वारा आम लोग देखते हैं कि उनके प्रतिनिधि किस प्रकार व्यवहार कर रहे हैं और उनके हित से जुड़े मुद्दों को सदन में उठा रहे हैं। यह लाइव स्ट्रीमिंग न केवल जन प्रतिनिधियों के जनता के साथ संबंधों को सुदृढ़ करती है बल्कि जन प्रतिनिधियों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी भी डालती है। सदन में आपका व्यवहार सभ्य हो, इसकी अपेक्षा की जाती है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि गोवा विधानसभा में शुरू से ही वाद-विवाद-चर्चा-संवाद का सद्भावपूर्ण वातावरण रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गोवा विधान सभा के सदस्य-गण गोवा के निवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को व्यक्त करने तथा उन्हें कार्यरूप देने के अच्छे उदाहरण प्रस्तुत करते रहेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत के प्रति दुनिया का दृष्टिकोण बदल गया है। हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हैं। 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के मंत्र के साथ भारत जी-20 देशों के सहयोग से वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे पास भारत की क्षमता और संस्कृति को प्रदर्शित करने का उचित अवसर है और हमें इस अवसर का पूरा फायदा उठाना है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण काल खंड में, गोवा सरकार और यहाँ के लोगों का यह प्रयास होना चाहिए कि गोवा विकास का एक ऐसे मॉडल स्थापित करे जो अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय हो। यह देश के लिए इस अमृत काल में आपका महत्वपूर्ण योगदान होगा।