भारत की राष्ट्रपति ने 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए
श्री मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया
फिल्में और सोशल मीडिया समाज को बदलने का सबसे अधिक मजबूत माध्यम हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 08.10.2024
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 8 अक्तूबर, 2024 को नई दिल्ली में विभिन्न श्रेणियों में 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने श्री मिथुन चक्रवर्ती को वर्ष 2022 के लिए दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी फिल्में हमारे समाज की कला-बोध को प्रदर्शित करती हैं। जीवन बदल रहा है। कला के प्रतिमान बदल रहे हैं। नई आकांक्षाएं जन्म ले रही हैं। नई समस्याएं सामने आ रही हैं। नई जागरूकता भी पैदा हो रही है। इन सभी बदलावों के बीच आपसी प्रेम, करुणा और सेवा के कभी न बदलने वाले जीवन-मूल्य आज भी हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन को सार्थक बना रहे हैं। ये सभी बातें आज पुरस्कृत हुई फिल्मों में देखी जा सकती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सिनेमा विश्व का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है, जिसमें कई भाषाओं और देश के सभी क्षेत्रों में फिल्में बनाई जाती हैं। यह सबसे अधिक विविधतापूर्ण कला-क्षेत्र भी है। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने श्री मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि लगभग पांच दशकों की अपनी कला-यात्रा के दौरान मिथुन जी ने गंभीर चरित्रों को पर्दे पर उतारने के साथ-साथ, सामान्य कहानियों को भी, अपनी विशेष ऊर्जा से सफलता प्रदान की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि पुरस्कार विजेता फिल्मों की भाषाएं और परिवेश भले ही अलग हों, सभी फिल्मों में भारत की झलक मिलती है। इन फिल्मों में भारतीय समाज के अनुभवों का खजाना है। इनमें भारत की परम्पराएं और उनकी विविधता सजीव हो जाती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिल्में और सोशल मीडिया समाज को बदलने का सबसे अधिक मजबूत माध्यम हैं। लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए जितना असर इन माध्यमों से पड़ता है, उतना किसी और माध्यम से संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आज प्रदान किए गए 85 से अधिक पुरस्कारों में से केवल 15 पुरस्कार महिला पुरस्कार विजेताओं को मिले हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग द्वारा महिला नेतृत्व वाले विकास की दिशा में और अधिक प्रयास किया जा सकता है।
राष्ट्रपति ने बताया कि सार्थक फिल्मों को अक्सर दर्शक नहीं मिल पाते हैं। उन्होंने प्रबुद्ध नागरिकों, सामाजिक संस्थाओं और सरकारों से दर्शकों तक सार्थक सिनेमा की पहुंच बढ़ाने के लिए मिलकर प्रयास करने का आग्रह किया।