भारत की राष्ट्रपति ने 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए
फिल्में जागरूकता और संवेदनशीलता फैलाने का सबसे प्रभावी माध्यम हैं: राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 17.10.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 17 अक्तूबर, 2023 को नई दिल्ली में विभिन्न श्रेणियों में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने सुश्री वहीदा रहमान को वर्ष 2021 के दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने सुश्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने के लिए बधाई दी और कहा कि वह अपनी कला और व्यक्तित्व से फिल्म जगत के शिखर पर अपना स्थान बनाया है। उन्होंने अपने निजी जीवन में भी गरिमा, आत्म-विश्वास और मौलिकता से युक्त महिला के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कई ऐसी फिल्में चुनीं जिनमें उनकी भूमिका, महिलाओं से जुड़े बंधनों को तोड़ती थी। उन्होंने मिसाल पेश की है कि महिला सशक्तिकरण के लिए खुद महिलाओं को भी पहल करनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रेष्ठ अभिनय के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाली पल्लवी जोशी, आलिया भट्ट और कृति सेनन ने अपनी फिल्मों में सशक्त महिला चरित्रों की भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि निर्देशक सृष्टि लखेरा ने अपनी पुरस्कृत फिल्म 'एक था गांव' में एक 80 साल की वृद्ध महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि महिला चरित्रों के सहानुभूतिपूर्ण एवं कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान में वृद्धि होगी।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वाली फिल्मों में जलवायु परिवर्तन, बच्चियों की तस्करी, नारी का उत्पीड़न, भ्रष्टाचार और सामाजिक शोषण जैसी समस्याओं का चित्रण किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समुदायों का प्रकृति और कला से प्रेम, महात्मा गांधी के आदर्शों की स्थापना, प्रतिकूलताओं के बीच अदम्य उत्साह से संघर्ष करना, शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और कला तथा संस्कृति के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियां जैसे विविध विषयों पर अच्छी फिल्में बनाई गई हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिल्म सिर्फ एक उद्योग नहीं है। यह केवल व्यवसाय और मनोरंजन तक ही सीमित नहीं है। यह जागरूकता और संवेदनशीलता फैलाने का सबसे प्रभावी माध्यम हैं। सार्थक फिल्मों में समाज और देश की उपलब्धियों का भी चित्रण होता है और समस्याओं का भी।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिल्मों के जरिए आप सब भारतीय समाज के विविधतापूर्ण यथार्थ से जीवंत परिचय कराते हैं। सिनेमा हमारे समाज का दस्तावेज़ भी है और उसे बेहतर बनाने का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि सिनेमा कलाकार बदलाव लाने वाले एजेंट भी हैं। उन्होंने कहा कि वे देश के बारे में जानकारी भी देते हैं और नागरिकों को जोड़ते भी हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय फिल्मों को देश की सामाजिक विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का वाहक होना चाहिए। ऐसी फिल्में न सिर्फ देश और समाज के लिए हितकारी होंगी, बल्कि व्यावसायिक रूप से भी सफल होंगी। उन्होंने फिल्म जगत से इस प्रयोग को और मजबूती से करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने समाज और सिनेमा में प्रभावशाली योगदान देने के लिए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की पुरस्कार विजेता फिल्मों से जुड़े सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सिनेमा से जुड़े लोग विश्वस्तरीय उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करते रहेंगे और भारतीय फिल्में विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी।