भारत की राष्ट्रपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 11.12.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 11 दिसंबर, 2023 को वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि दो-दो भारत रत्न का इस संस्थान से जुड़ा होना महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की गौरवशाली विरासत का प्रमाण है। भारत रत्न डॉ. भगवान दास इस विद्यापीठ के प्रथम कुलपति थे और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री इस संस्था के पहले बैच के छात्र थे। उन्होंने कहा कि इस संस्थान के विद्यार्थियों से अपेक्षा है कि वे शास्त्री जी के जीवन मूल्यों को अपने आचरण में ढालें।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस विद्यापीठ की यात्रा हमारे देश की स्वाधीनता के 26 वर्ष पूर्व गांधीजी की परिकल्पना के अनुसार आत्मनिर्भरता और स्वराज के लक्ष्यों के साथ शुरू हुई थी। असहयोग आंदोलन से उत्पन्न संस्था के रूप में यह विश्वविद्यालय हमारे महान स्वतंत्रता संग्राम का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के सभी विद्यार्थीगण स्वाधीनता संग्राम के हमारे राष्ट्रीय आदर्शों के ध्वजवाहक हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि काशी विद्यापीठ का नामकरण महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ करने के पीछे का उद्देश्य हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्शों के प्रति सम्मान व्यक्त करने की भावना निहित है। उन आदर्शों पर चलना तथा अमृत-काल के दौरान देश की प्रगति में प्रभावी योगदान देना यहां के विद्यार्थियों द्वारा विद्यापीठ के राष्ट्र-निर्माता संस्थापकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि वाराणसी प्राचीन काल से ही भारतीय ज्ञान परंपरा का केंद्र रहा है। और वर्तमान काल में भी यहां के संस्थान आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के संवर्धन में अपना योगदान कर रहे हैं। उन्होंने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विद्यार्थियों और आचार्यों से ज्ञान के केंद्र की परंपरा के अनुरूप अपने संस्थान के गौरव को निरंतर समृद्ध करते रहने का आग्रह किया।