भारत की राष्ट्रपति लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के 107वें वार्षिक दिवस और दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 26.02.2024
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 26 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) के 107वें वार्षिक दिवस और दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज मेडिकल साइंस सिर्फ इलाज तक ही सीमित नहीं है। इसका कार्यक्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है। चौथी औद्योगिक क्रांति की वजह से भौतिक, डिजिटल और जैविक क्षेत्रों के बीच का अन्तराल कम हो रहा है। सिंथेटिक बायोलॉजी में हो रहे नए-नए प्रयोग और सीआरआईएसपीआर जीन एडिटिंग जैसी नई तकनीक सदियों से बनी हुई समस्याओं का हल खोजने में मददगार साबित हो रही हैं। लेकिन इन तकनीकों के दुरुपयोग का संकट भी बना हुआ है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि चिकित्सा बिरादरी अपने पेशेवर जीवन में नैतिकता और उच्च मूल्यों के अनुरूप कार्य करते हुए 'वन हेल्थ’ के एकीकृत दृष्टिकोण के साथ सभी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि डॉक्टर को हमारे समाज के लोग भगवान समझते हैं। आप अपनी इस नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए उसी के अनुकूल आचरण करें। वे सही अर्थ में एक सफल डॉक्टर या नर्स तभी मानें जाएँगे जब आपमें पेशेवर दक्षता के साथ-साथ करुणा, दया और सहानुभूति जैसे मानवीय मूल्य विद्यमान हों। एक अच्छा स्वास्थ्य पेशेवर बनने के लिए, एक अच्छा इंसान होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने भी चरित्र के बिना ज्ञान और मानवता के बिना विज्ञान को पाप बताया है। इसलिए उनका प्राथमिक ध्येय धनोपार्जन नहीं, बल्कि 'पहले सेवा प्रदान करना' होना चाहिए।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को अंग प्रत्यारोपण रिट्रीवल सेंटर के रूप में रजिस्टर किया गया है। एलएचएमसी ने रोगाणुरोधी प्रतिरोध की समस्या के हल के लिए व्यापक एंटीबायोटिक प्रबंधन कार्यक्रम की शुरुआत की है। एलएचएमसी अन्य संस्थानों के साथ मिलकर आईड्रोन पहल के अंतर्गत ब्लड बैग डिलीवरी पर भी कार्य कर रहा है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एलएचएमसी ने नॉर्वे सरकार के साथ मिलकर राष्ट्रीय मानव दुग्ध बैंक और स्तनपान परामर्श केंद्र 'वात्सल्य - मातृ अमृत कोश' की स्थापना की है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह केंद्र स्तनपान के प्रति जागरूकता लाने एवं शिशु-मृत्यु दर कम करने में सहायक सिद्ध होगा।