भारत की राष्ट्रपति गोवा विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 23.08.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 23 अगस्त, 2023 को राजभवन, गोवा में गोवा विश्वविद्यालय के 34वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि आज की दुनिया में प्रौद्योगिकी और नवाचार की प्रमुख भूमिका है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि गोवा विश्वविद्यालय में नवाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में विश्व स्तरीय योग्यता को विकसित करना अनिवार्य है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि गोवा विश्वविद्यालय, गोवा सरकार के उच्च शिक्षा निदेशालय के सहयोग से 'समग्र शिक्षण और वर्चुअल ओरिएंटेशन के लिए डिजिटल इंटीग्रेटेड सिस्टम' कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न विभागों को एकीकृत करके अंतःविषय अध्ययन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गोवा विश्वविद्यालय के परिसर में विभिन्न स्कूल्स (पीठ) का गठन किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप इस पहल के लिए गोवा विश्वविद्यालय की सराहना की और कहा कि इस विश्वविद्यालय में शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का उत्कृष्टता केंद्र बनने की भरपूर क्षमता है।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि गोवा विश्वविद्यालय ने 'उन्नत भारत अभियान' के तहत पांच गांवों को गोद लिया है जहां सस्टेनेबिलिटी मॉडल को अपनाकर सीपियों और मशरूम की खेती की जा रही है। उन्होंने छात्रों में सामाजिक समावेशन और पर्यावरण संतुलन के बारे में संवेदनशीलता का संचार करने के लिए गोवा विश्वविद्यालय की पूरी टीम की सराहना की।
छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह उनके जीवन का एक यादगार दिन होता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जो डिग्रियां अर्जित की हैं, वे उन्हें रोजगार हासिल करने या व्यवसाय शुरू करने में मदद करेंगी लेकिन एक गुण जो उन्हें जीवन में बहुत आगे ले जा सकता है, वह है कभी हार न मानने का हौसला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा प्राप्त करना आजीवन चलने वाली प्रक्रिया है। निरंतर शिक्षार्थी की तरह आगे बढ़ने वाला जीवन में अवसरों का लाभ उठाने के साथ-साथ चुनौतियों का सामना करने में भी समर्थ होगा। उन्होंने कहा कि आज के युवा ही ‘संकल्प काल’ में विकसित भारत का निर्माण करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे भारत को समृद्ध राष्ट्र बनाने के सपने को पूरा करेंगे।