भारत की राष्ट्रपति आईआईटी भिलाई के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 26.10.2024
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 26 अक्तूबर, 2024 को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भिलाई के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटियंस ने अपनी अग्रणी सोच, प्रयोगात्मक मानसिकता, नवीन सोच और दूरगामी दृष्टिकोण से देश और दुनिया की प्रगति में अमूल्य योगदान दिया है। अनेक ग्लोबल कंपनियों का नेतृत्व करते हुए, वे अपने तकनीकी और विश्लेषणात्मक कौशल से कई मायनों में 21वीं सदी की दुनिया को स्वरूप प्रदान कर रहे हैं। आईआईटी के अनेक पूर्व छात्रों ने उद्यमिता का रास्ता चुना है और नए रोजगारों का सृजन किया है। उन्होंने भारत के डिजिटल परिवर्तन और स्टार्ट-अप संस्कृति को भी बढ़ावा दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उद्योग के क्षेत्र में कहा जाता है, "नो रिस्क, नो गेन।" दूसरे शब्दों में, जोखिम से बचने की मानसिकता से स्व-रोज़गार में सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि स्नातक होने वाले विद्यार्थी अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के साथ आगे बढ़ते रहेंगे, नई तकनीक विकसित करेंगे और दुनिया को एक बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती आदिवासी संस्कृति और परंपराओं से समृद्ध है। जनजातीय समाज के लोग प्रकृति को करीब से समझते हैं और सदियों से पर्यावरण के साथ समन्वय बनाकर जीवन-यापन कर रहे हैं। वे प्राकृतिक जीवनशैली से संचित किए हुए ज्ञान का भंडार हैं। उन्हें समझकर और उनकी जीवनशैली से सीख लेकर हम भारत के सतत विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। लेकिन देश का सम्पूर्ण विकास हमारे आदिवासी भाई-बहनों की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है। उन्होंने आदिवासी समाज की प्रगति के लिए तकनीकी क्षेत्र में विशेष प्रयास करने के लिए आईआईटी भिलाई की सराहना की।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आईआईटी भिलाई कृषि-तकनीक, स्वास्थ्य-तकनीक और फिन-टेक पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस संस्थान ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एम्स रायपुर के साथ सहयोग करके मोबाइल ऐप बनाए हैं जिससे गांव के लोगों को घर बैठे ही चिकित्सा संबंधी मदद मिल जाती है। संस्थान ने किसानों के लिए तकनीकी समाधान तैयार करने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के साथ भी सहयोग किया है जिससे उन्हें अपने संसाधनों का सही उपयोग करने के लिए मार्गदर्शन और सहायता मिलती है । उन्होंने यह भी कहा कि आईआईटी भिलाई महुआ जैसे लघु वन उत्पादों पर पर काम करने वाले जनजातीय समुदायों के विकास के लिए भी कार्यरत है।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि आईआईटी भिलाई एक समावेशी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है और वंचित तथा पिछड़े वर्गों के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। संस्थान ने छात्राओं की संख्या और भागीदारी बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि आईआईटी भिलाई नए सपनों, नई सोच और नवीनतम तकनीकों के साथ देश का नाम दुनिया में रोशन करेगा।