63वें एनडीसी पाठ्यक्रम के संकाय और पाठ्यक्रम सदस्यों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिवेश में, हमें किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने की आवश्यकता है: राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 04.10.2023
63वें राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज पाठ्यक्रम के संकाय और पाठ्यक्रम सदस्यों ने आज 4 अक्तूबर, 2023 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि आज हमारे सुरक्षा सरोकार का दायरा क्षेत्रीय अखंडता के संरक्षण से आगे तक बढ़ गया है और जिससे अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, ऊर्जा सुरक्षा से निपटने और साइबर सुरक्षा के अन्य आयाम भी जुड़ गए हैं। सशस्त्र बलों का कार्य भी पारंपरिक सैन्य मामलों से आगे बढ़ चुका है। जटिल रक्षा और सुरक्षा परिवेश में भविष्य के संघर्षों के लिए अधिक एकीकृत बहु-राज्य और बहु-एजेंसी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता होगी। इसलिए, एनडीसी पाठ्यक्रम भविष्य के जटिल सुरक्षा माहौल से व्यापक तरीके से निपटने के लिए सैन्य और सिविल सेवा अधिकारियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक परिवेश बदलता रहता है और अनेक चुनौतियां आती रहती हैं। तेजी से बदलते भू-राजनीतिक परिवेश में हमें किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय एवं वैश्विक मुद्दों की गहरी समझ रखने की आवश्यकता है। हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करना है बल्कि साइबर संघर्ष, प्रौद्योगिकी समर्थित आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी नई सुरक्षा चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना है। अद्यतन ज्ञान और व्यापक शोध पर आधारित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज पाठ्यक्रम अपनी तरह का एक अनूठा पाठ्यक्रम है जिसमें शासन, प्रौद्योगिकी, इतिहास और अर्थशास्त्र के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति के क्षेत्र सम्मिलित हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एनडीसी में अनुसंधान, कक्षा चर्चा, प्रतिष्ठित वक्ताओं की अंतर्दृष्टि तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं के माध्यम से जमीनी स्तर की जानकारी सहित, सीखने के समग्र दृष्टिकोण ने चुनौतियों का सामना करने में पाठ्यक्रम के सदस्यों को सक्षम बनाया है।