भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सहायक कार्यकारी अभियंता (सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल) द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन।
Rashtrapati Bhavan : 28.03.2024
डाउनलोड : भाषण (हिन्दी, 145.8 किलोबाइट)
प्यारे सहायक कार्यकारी अभियंता,
सर्वप्रथम, मैं यहां उपस्थित सभी युवा और प्रतिभाशाली इंजीनियरों को इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए बधाई देती हूं। मुझे बताया गया है कि आपके समूह में सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, जिनकी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के लिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और प्रमुख तकनीकी कार्यों के प्रबंधन की जिम्मेदारी है।
केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की विरासत और इतिहास लगभग 170 वर्ष पुराना है। इस विभाग ने कठिन और चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों में परियोजनाओं को पूरा किया है। अब आप सब इस विरासत और इतिहास का हिस्सा बन गए हैं और आप सब पर आगे आने वाले चुनौतीपूर्ण कार्यों में खरा उतरने की जिम्मेदारी है। मुझे आशा है कि आप सब अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी, पेशेवर तरीके तथा पूरी ईमानदारी से पूरा करेंगे।
मैं, समझती हूं कि आप में से अधिकांश इंजीनियरों ने आईआईटी, एनआईटी और देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से स्नातक परीक्षा पास की है। आप सब से आशा है कि आप सब देश के विकास में अपना योगदान देंगे। आप सब को देश की मुख्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए कार्य करने का अवसर मिलेगा।
मैं, आप सब से कहना चाहूंगी की इंजीनियरिंग का उपयोग सामाजिक चेतना के साथ करें। यह सुनिश्चित करना आप सब का कर्तव्य है कि जिस सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को आप डिज़ाइन करें - चाहे वह कार्यालय, आवास या सड़कें हों – वे सब दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सुलभ हों और इस पहलू को परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन का अभिन्न अंग मानकर चलें।
प्यारे इंजीनियर्स,
मैं, चाहूंगी की निर्णय लेने वाले एक बिंदु पर जरूर विचार करें। मुझे बताया गया है कि इस सेवा में बहुत कम महिलाएं हैं। इस वर्ष महिलाओं की संख्या शून्य है। महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए तथा लगभग सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस समूह में महिला अधिकारियों का नहीं होना, एक आश्चर्य की बात है। इस स्थिति की जांच करने से महिलाओं के लिए परिवर्तन के रास्ते खुल सकते हैं।
प्रिय इंजीनियर्स,
युवा इंजीनियर होने के नाते आप सब को जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों और इससे निपटने के लिए आवश्यक ऊर्जा-कुशल समाधान अपनाने की जानकारी होनी चाहिए। आपके द्वारा बनाई जाने वाली इमारतें, सड़कें और अन्य बुनियादी ढाँचे टिकाऊ, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल होने चाहिए। आप सब का दृष्टिकोण नवोन्वेषी होना चाहिए ताकि आप उभरती चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट सकें। 3डी प्रिंटिंग आ जाने से भवन निर्माण तकनीक में काफी बदलाव आया है। बुनियादी ढांचे और निर्माण परियोजनाओं को जलवायु-अनुकूल और ऊर्जा-कुशल बनाया जाना चाहिए। आप सब को नई तकनीकों और सामग्रियों का पता होना चाहिए और शुरू की जाने वाली परियोजनाओं में उनका प्रयोग करना चाहिए। हरित निर्माण आज के समय की मांग है। निर्माण के नवीन तरीके अपनाकर इस क्षेत्र में परिवर्तन किया जा सकता है। सटीक डिज़ाइन बनाकर पारंपरिक निर्माण से हटकर निर्माण कर सकते हैं। आपको न केवल तेजी से निर्माण करना है बल्कि संसाधनों का न्यूनतम उपयोग करके अपशिष्ट को कम भी करना है।
प्यारे इंजीनियर्स,
मैं, आप सब से आग्रह करती हूं कि आप साइलो में काम न करें वरन सहयोगात्मक, दूरदर्शी और प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण रखें। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोट, ड्रोन जैसी नई और उभरती प्रौद्योगिकियां आ जाने से पारंपरिक सोच को अपनाना कम हुआ है। हालाँकि, इनका उपयोग दक्षता बढ़ाने और सुधार करने, प्रक्रियाओं को स्वचालित बनाने और पूरा-पूरा प्रयोग करने, उत्पादकता बढ़ाने और संसाधन प्रबंधन में सुधार करने के लिए किया जाना चाहिए। मैं, आप सब से कहना चाहूंगी हूँ कि उत्कृष्टता हासिल करने और एक बेहतर, खुशहाल और अधिक सुंदर भविष्य बनाने में अपना सार्थक योगदान दें।
मैं, आप सब के उज्ज्वल भविष्य और शानदार करियर की कामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!