भारत की राष्ट्रपति ने एबीवी-आईआईआईटीएम ग्वालियर के चौथे दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाई
राष्ट्रपति भवन : 13.07.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 13 जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी-भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी और प्रबंधन संस्थान (एबीवी-आईआईआईटीएम) के चौथे दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया। इस अवसर पर, उन्होंने संस्थान के 500 छात्रों के लिए छात्रावास की आधारशिला भी रखी।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे समाज के उन लोगों के बारे में सोचें जो विकास यात्रा में थोड़ा पीछे रह गए हैं। समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना उनकी प्रगति के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, क्योंकि दूसरों की मदद करने से क्षमताओं का भी विकास होता है। उन्होंने कहा कि सरकार जनजातीय समुदायों, महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठा रही है। लेकिन यह समाज के प्रत्येक व्यक्ति, विशेषकर युवाओं का यह दायित्व है कि समाज के पिछड़े लोगों के विकास में अपनी भागीदारी करें। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि हमारा समाज और देश इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।
राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कोई भी बाधा, कोई भी चुनौती उन्हें अपने लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे लक्ष्य से निगाह हटने न दें और दूसरों को भी आगे बढ़ने में मदद करें। उन्होंने कहा कि यदि वे दृढ़ संकल्प के साथ सही रास्ता चुनें और आगे बढ़ें तो वे अपने लक्ष्य अवश्य प्राप्त कर लेंगे और जीवन में संतुष्टि भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी नौकरी से मिलने वाला आर्थिक लाभ महत्वपूर्ण होता है, लेकिन नौकरी से संतुष्टि उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों को खुद से सवाल करते रहने और जीवन में खुद को बेहतर बनाते रहने की सलाह दी।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आईआईआईटीएम, ग्वालियर के अधिकांश विद्यार्थियों की अच्छी कंपनियों में प्लेसमेंट हो गई है। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों की प्लेसमेंट नहीं हुई है उनकी क्षमता किसी भी मायने में कम नहीं है और उन्हें भी भविष्य में आगे बढ़ने के अनगिनत अवसर मिलेंगे।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आईआईआईटीएम, ग्वालियर उच्च शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता का केंद्र बनने को अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व का संस्थान होने के नाते इस संस्थान का कर्तव्य है कि वह भारत को आगे बढ़ाने के लिए नवीन प्रयास करे और विद्यार्थियों को अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से देश की समस्याओं का समाधान ढूँढने के लिए तैयार करे। उन्होंने विश्वास जताया कि हमारे संस्थान, विद्यार्थी और उद्योग भारत को दुनिया का सबसे बड़ा तकनीकी हब बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।