भारत की राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए
राष्ट्रपति भवन : 17.04.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 17 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रदान किए और पंचायतों के प्रोत्साहन विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ दशकों के दौरान शहरीकरण में आई तेजी के बावजूद अधिकांश जनता अभी भी गांवों में ही निवास करती है। शहरों में रहने वाले अधिकांश लोग भी किसी न किसी तरह से गांवों से जुड़े हैं। गांवों के विकास से ही देश का सर्वांगीण विकास हो सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गांव के विकास का मॉडल कैसा हो और इसे कैसे कार्यरूप दिया जाए, इसका निर्णय लेने का अधिकार ग्रामवासियों को होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायतें केवल सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन का स्थान ही नहीं हैं, बल्कि वे नए-नए नेतृत्वकर्ता, योजनाकार, नीति-निर्माता और नवप्रवर्तक पैदा करने का स्थान भी हैं। एक पंचायत की सर्वोत्तम प्रथाओं को अन्य पंचायतों में अपनाकर हम अपने गांवों को तेजी से विकसित और समृद्ध बना सकेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पांच वर्ष में पंचायत प्रतिनिधियों का चुनाव करने का प्रावधान है जिससे समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित हो सके। लेकिन यह देखा गया है कि ये चुनाव लोगों में कभी-कभी कटुता भी उत्पन्न करते हैं। ग्रामवासियों के बीच, चुनाव के कारण आपसी मनमुटाव न बढ़े, इसी को ध्यान में रखते हुए पंचायत चुनावों को राजनीतिक पार्टियों से अलग रखा है। उन्होंने कहा कि जिस समाज में परस्पर सद्भाव होता है, लोगों में एक-दूसरे पर विश्वास होता है, वह समाज अधिक फलता-फूलता है। उन्होंने कहा कि गांव परिवार का ही विस्तृत रूप है। जहां तक संभव हो सभी सामुदायिक कार्य आपसी सहमति से होने चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए महिलाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक होती है। महिलाओं के पास अपने और अपने परिवार तथा समाज की भलाई के लिए अधिक से अधिक निर्णय लेने के अधिकार होने चाहिए। यह अधिकार परिवार और ग्राम स्तर पर उनके सशक्तीकरण से प्राप्त होगा। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि स्थानीय ग्रामीण निकायों के 31.5 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में से 46 प्रतिशत महिलाएँ हैं। उन्होंने महिलाओं से ग्राम पंचायतों के कार्यों में सक्रिय रूप से भागीदारी करने का आग्रह किया। उन्होंने उनके परिवारों से भी इन प्रयासों में उनका सहयोग करने की अपील की।