भारत के राष्ट्रपति ने भुवनेश्वर में शिक्षा से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया
राष्ट्रपति भवन : 11.11.2022
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मुने आज (11 नवंबर, 2022) को जयदेव भवन, भुवनेश्वर से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें ओडिया भाषा में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की इंजीनियरिंग की पुस्तकें; वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) द्वारा विकसित उड़िया भाषा में तकनीकी शब्द-संकलन; और ई-कुंभ (बहु-भारतीय भाषाओं में ज्ञान का प्रसार) पोर्टल शामिल हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की इन महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत करते हुए प्रसन्नता हो रही है। सभी के लिए शिक्षा सुलभ बनाने की दिशा में ये सराहनीय कदम हैं। यह देखा गया है कि कई छात्रों को तकनीकी शिक्षा अंग्रेजी में समझने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इसीलिए सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत मातृभाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें कोई दो राय नही है कि मातृभाषा बौद्धिक विकास में मदद करती है। यदि हमारे छात्र अपनी मातृभाषा में सीखते हैं, तो उनमें गूढ़ चिंतन और विश्लेषणात्मक कौशल विकसित होगा। यह शहरी और ग्रामीण छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि पहले स्थानीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकों की अनुपलब्धता के कारण क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने में बाधाएँ आती थी। उन्होंने इस बाधा को दूर करने के लिए एआईसीटीई के प्रयासों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा सशक्तिकरण का प्रमुख कारक है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश के प्रत्येक बच्चे की सभी स्तरों पर शिक्षा तक पहुंच हो। हमें बिना किसी भेदभाव के सबको शिक्षा उपलब्ध काणे के लिए प्रयास करना होगा। भाषा, छात्रों के लिए बाधा नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में सहायक होनी चाहिए। क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं में शिक्षण की शुरुआत एक सुशिक्षित, जागरूक और जीवंत समाज के निर्माण की दिशा में लंबे समय तक प्रभावी रहेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि उड़िया एक प्राचीन और समृद्ध भाषा है। इसकी एक अलग साहित्यिक परंपरा और समृद्ध शब्दावली है। इसलिए उड़िया भाषा में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भारत की सभी क्षेत्रीय भाषाओं में कमोबेश समान क्षमता है । उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी भारतीय भाषाओं को समान महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसने भारतीय भाषाओं के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत की है।
इससे पहले राष्ट्रपति ने, दिन में तपोवनहाई स्कूल का दौरा किया। इसके बाद, उन्होंने अपने अल्मा मेटर राजकीय बालिका उच्च विद्यालय यूनिट- II और कुंतला कुमारी साबत आदिवासी बालिका छात्रावास यूनिट-II का दौरा किया, जहाँ वे अपने स्कूल के समय में रहतीथीं। राष्ट्रपति ने छात्रों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों और छात्रावास में रहने वाल छात्रों के साथ बातचीत की।