भारत की राष्ट्रपति ने अरुणाचल प्रदेश के 37वें राज्य स्थापना दिवस समारोह की शोभा बढ़ाई और अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 20.02.2023
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अरुणाचल प्रदेश के 37वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं और आज 20 फरवरी, 2023 को ईटानगर में राज्य सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्रफल की दृष्टि से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ-साथ एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते, अरुणाचल प्रदेश सामरिक और भौगोलिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है, इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा और राज्य के आर्थिक विकास के लिए राज्य में अच्छा अवसंरचना ढांचा होना आवश्यक है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना के विकास के लिए 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में 600 मेगावाट कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन चालू होने के साथ बिजली के क्षेत्र में सरप्लस राज्य बन गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हाल ही में शुरू किया गया हर मौसम को झेल लेने वाले डोनी पोलो हवाई अड्डे से राज्य में कनेक्टिविटी बढ़ेगी और व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के समावेशी विकास के लिए महिलाओं का विकास आवश्यक है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि अरुणाचल प्रदेश की पंचायतों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 47 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की महिलाएं हर क्षेत्र में सफल हो रही हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश की महिलाएं, अंशु जमसेनपा जो पांच दिनों में दो बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला हैं और टेगे रीता ताखे जैसी महिलाओं से प्रेरणा लेंगी जो उद्यम में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रही हैं और अरुणाचल प्रदेश के कृषि आधारित स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचा रही हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में अरुणाचल प्रदेश पर सबसे पहले सूर्य की पहली किरण पड़ती है। अरुणाचल प्रदेश की विभिन्न जनजातियाँ, उनकी सांस्कृतिक विरासत, विविधता में उनकी एकता हम सभी के लिए प्रेरणा है। हम कह सकते हैं कि सारा अरुणाचल प्रदेश भारत का सूक्ष्म जगत है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पहाड़ियों, घने वनों, झीलों, झरनों तथा वनस्पतियों और जीव-जन्तुओं से सम्पूर्ण यह राज्य समृद्ध जैव विविधता का क्षेत्र है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि अरुणाचल प्रदेश सरकार ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने और जैव विविधता के संरक्षण के लिए "पाक्के घोषणा" को अंगीकार किया है। उन्हें यह जानकर भी प्रसन्नता हुई कि राज्य सरकार द्वारा कृषि, बागवानी, स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यावरण संरक्षण के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु ये महत्वपूर्ण कदम हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश समेत पूरा पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि उत्तर पूर्वी राज्यों में जी-20 की विभिन्न बैठकें भी आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इन बैठकों से पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति में विस्तार होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा क्षेत्र में निवेश के अवसर उत्पन्न होंगे।