भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)

सूरत : 12.02.2024
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sp12022024

मुझे आज सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत के इस दीक्षांत समारोह में भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं सभी पदक विजेताओं और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देती हूं। दीक्षांत समारोह का दिन, हर संस्थान के लिए ऐतिहासिक होता है। यह प्रत्येक विद्यार्थी के लिए उसके जीवन का यादगार अवसर होता है। आप सब विद्यार्थियों की सफलता के पीछे केवल आपकी कड़ी मेहनत ही नहीं, बल्कि आपके परिवारजन का सहयोग तथा आपके प्राध्यापकों की प्रेरणा और मार्गदर्शन भी शामिल हैं। इसलिए विद्यार्थियों की सफलता में अथक योगदान के लिए मैं, उनके माता-पिता, अभिभावकों, प्राध्यापकों और संकाय सदस्यों को भी शुभकामनाएं और बधाई देती हूं।

"भारत का लौह पुरुष" के रूप में सम्मानित सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर बने इस प्रतिष्ठित संस्थान में आपको अध्ययन करने का अवसर मिला है। सरदार पटेल हमारे देश की एकता के प्रतीक हैं। आप सब सरदार पटेल के जीवन-आदर्शों से दृढ़ निश्चय, समर्पण और संकल्प शक्ति जैसे मूल्य सीख सकते हैं। इन मूल्यों को अपनाकर आप जीवन में कठिन से कठिन लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे।

प्यारे विद्यार्थियो,

यह प्रसन्नता का विषय है कि इंजीनियरिंग कालेजों और संस्थानों में आज लड़कियों की संख्या पहले से अधिक है। मैं विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षा प्राप्त करने और इस क्षेत्र में अपना career बनाने के लिए बेटियों की सराहना करती हूँ। आज उपाधि और पदक प्राप्त करने वाली सभी बेटियों को मैं विशेष बधाई देती हूँ। साथ ही मैं यह आग्रह करती हूँ कि सभी NITs मिलकर ऐसे कार्यक्रम, campaigns या workshops आयोजित करें, जिससे अधिक से अधिक लड़कियाँ engineering और technology संस्थानों में अध्ययन के लिए प्रोत्साहित हों।

अभी हाल ही में एक women start-ups के group से मैं राष्ट्रपति भवन में मिली थी। वे सभी महिलाएं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ रही हैं। वे देश की प्रगति में भरपूर योगदान दे रही हैं और लोगों को रोज़गार भी प्रदान कर रही हैं। उनसे मिलकर मेरा यह विश्वास और गहरा हो गया है कि देश को विकसित बनाने में महिलाओं की अग्रणी भूमिका रहेगी। सरदार पटेल ने इस विषय में कहा था and I quote: “Women in one way are extremely courageous. Men do not endure the miseries to the extent women do. . . So long as women are not sufficiently educated and inculcated with national spirit, till then there will be no prosperity.” [unquote]

देवियो और सज्जनो

मुझे बताया गया है कि उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत SVNIT क्षेत्रीय समन्वय संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है। इस संस्थान ने आसपास के कुछ गांवों को गोद लिया है तथा अनुसंधान एवं नवाचारों के माध्यम से उनकी समस्याओं का affordable और sustainable समाधान ढूँढने के लिए कार्य कर रहा है। मुझे विश्वास है कि ऐसे प्रयास भी इस सभागार में बैठे युवाओं द्वारा किए जाएंगे।

प्रिय विद्यार्थियो,

मुझे बताया गया है कि आपके संस्थान का आदर्श वाक्य है "विज्ञानं सारथि नः स्यात्” अर्थात विज्ञान को हमारा सारथी होना चाहिए। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि इंजीनियर और वैज्ञानिक के रूप में, राष्ट्र निर्माण के लिए अपने तकनीकी कौशल, problem solving skills और नवीन सोच का उपयोग करने में आप विज्ञान को अपना मार्गदर्शक एवं सारथी बनाएं। आपको न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप engineering solutions खोजने हैं बल्कि नवाचार, दक्षता और समावेश के नए मानक भी स्थापित करने हैं।

मुझे विश्वास है कि आप सब युवा, भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ेंगे। आपको केवल अपनी job और career के बारे में ही नहीं सोचना है, बल्कि नए उद्योगों और रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए अपने ज्ञान, alumni networks और technical skills का उपयोग करना है।

आज हर ओर AI यानि Artificial Intelligence की बात हो रही है। भारत सरकार और राज्य सरकारें AI technology के लाभ को देशवासियों के विकास के लिए उपयोग में लाने के लिए अनेक कार्यक्रम लागू कर रही है। बड़ी tech companies भी भारत की AI की क्षमता का उपयोग करने के लिए नए projects शुरू कर रही हैं। यह आवश्यक है कि SVNIT जैसे प्रौद्योगिकी संस्थान देश के ‘AI skill gap’ को कम करने की दिशा में corporate sector, NGO और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलजुल कर काम करें। AI और machine learning जैसी नवीनतम और तेज़ी से बदलती technologies की वैश्विक दौड़ में भारत को आगे बढ़ाने में आप जैसे मेधावी युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। मुझे पूरा भरोसा है कि आप सब इस दिशा में प्रयास करेंगे, और उसमें सफल भी होंगे।

प्रिय विद्यार्थियो,

आप अपने परिवार, अपने दोस्तों या अन्य विश्वसनीय लोगों से guidance लेते रहे होंगे। लेकिन आज के बाद आपकी ज़िम्मेदारी कई गुना बढ़ जाएगी। अब से आपके निर्णय और कार्य आपके जीवन पर ही नहीं, बल्कि उस संस्था पर भी प्रभाव डालेंगे जिसमें आप कार्यरत होंगे। अपने आने वाले जीवन और profession के लिए अगर आप आज से ही कुछ आदर्श बना लेंगे तो आगे चलकर आपको सही रास्ते का चुनाव करने में कभी कठिनाई नहीं होगी।   
अंत में, आप सब से, मैं यही कहूँगी कि विश्व में चाहे जहां भी आप जाएँ, अपने संस्थान और अपनी जड़ों से सदा जुड़े रहें। आपका यह जुड़ाव आपको और आगे बढ़ने में मदद करेगा, साथ ही जीवन को सार्थक बनाने में भी उपयोगी सिद्ध होगा। अपने परिवार, संस्थान और देश का नाम आप रोशन करें, इसी मंगलकामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूँ।

धन्यवाद,  
जय हिन्द!  
जय भारत!

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