भारतीय की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय डाक सेवा के प्रोबेशनर्स द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 11.08.2023

डाउनलोड : भाषण भारतीय की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय डाक सेवा के प्रोबेशनर्स द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन(हिन्दी, 120.64 किलोबाइट)

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA SMT DROUPADI MURMU ON THE OCCASION OF CALL ON BY THE PROBATIONERS OF INDIAN POSTAL SERVICE’

सबसे पहले, मैं आप सभी को सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करके भारतीय डाक सेवा में चयनित होने के लिए बधाई देती हूँ। मैं, आप सभी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करती हूं।

जैसा कि आप जानते हैं, डाक विभाग अपनी 160 साल की उल्लेखनीय यात्रा के साथ, राष्ट्र सेवा के कीर्तिमान के रूप में खड़ा है। लगभग 1,60,000 डाकघरों का इसका व्यापक नेटवर्क इसे दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क बनाता है। अपनी गौरवशाली यात्रा के दौरान डाक विभाग पूरे देश के लोगों को जोड़ रहा है और यह अंतिम छोर तक सामान पहुंचा रहा है।

जैसे ही आप अपने क्षेत्र में काम करने जाएंगे, आपको इस विभाग की प्रतिष्ठित विरासत को एक उज्जवल भविष्य और इससे भी अधिक कनेक्टिविटी वाली दुनिया में ले जाने की ज़िम्मेदारी उठानी होगी।

प्यारे प्रोबेशनर्स,

आप सब पत्र लिखने और भेजने को लेकर लोगों के भावात्मक जुड़ाव से अवगत हैं। पत्र प्राप्त करने और हाथ में पकड़ने की खुशी को पुरानी पीढ़ी आज भी प्रेमपूर्वक याद करती है। अपने पत्रों के थैले के साथ सड़कों पर साइकिल चलाते हुए पोस्टमैन या डाकिया की छवि हमारी यादों में एक विशेष स्थान रखती है। डाक विभाग ही है जो पत्र लेखन की परंपरा को संरक्षित करते हुए इन पुरानी यादों को बरकरार रखता है। डिजिटल संचार के प्रभुत्व वाले समय में, यह व्यक्तियों और समुदायों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण सेतु है।

विविधताभरी अपनी भूमि पर, भारतीय डाक नेटवर्क एक एकीकृत डोर के रूप में कार्य करता है, जो हमारी संस्कृतियों और परंपराओं की विशाल श्रृंखला को एक साथ बांधे हुए है। हिमालय की चोटियों से लेकर दक्षिणी तटों तक, इंडिया पोस्ट अपनी सेवाएं न केवल पार्सल के रूप में बल्कि लाखों लोगों के सपनों और आकांक्षाओं को भी घर-घर तक पहुंचाता है। भारतीय डाक सेवा अधिकारियों के रूप में आपकी भूमिका इस देश के लोगों की सेवा करना है और इसलिए आप सबका ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण होना चाहिए।

प्यारे युवा अधिकारियों,

प्रौद्योगिकी ने हमारे संचार साधनों में क्रांति ला दी है। त्वरित संदेश और सोशल मीडिया के युग में, डाक विभाग को प्रासंगिक बने रहने के लिए विकास करते रहना होगा। करोड़ों देशवासियों के बीच आपकी विश्वसनीयता और भरोसा ही आपकी ताकत है।

मुझे यह जानकर खुशी हुई कि विभाग डिजिटल परिदृश्य के अनुकूल अपनी सेवाओं को लगातार आधुनिक बना रहा है। व्यवसाय प्रक्रिया पुनर्रचना पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक रूप से आईटी अपनाने और आधुनिकीकरण की एक परियोजना चलाई जा रही है। युवा प्रोबेशनर्स के रूप में, आपके नवीन विचार इस परिवर्तनकारी यात्रा में महत्वपूर्ण रहेंगे।

वित्तीय समावेशन में आपके विभाग की सराहनीय भूमिका विशेष रूप से प्रशंसा की पात्र है। विभाग ने वित्तीय अंतर को पाटने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कार्यनीतिक पहल की है। अपने नवोन्मेषी दृष्टिकोण के माध्यम से, डाक विभाग आर्थिक सशक्तीकरण का एक माध्यम बना है और यह सुनिश्चित करता है कि दूरदराज के क्षेत्रों में भी बुनियादी वित्तीय सेवाएं पहुंचे।

डाक विभाग ने सरकारी सब्सिडी, कल्याण भुगतान और पेंशन वितरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डाकघरों के माध्यम से धन के इस सुगम वितरण ने मध्यस्थों पर निर्भरता कम कर दी है और अतिरिक्त धन-खर्च भी कम हो गया है। भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों ने अपने अथक प्रयासों से यह सुनिश्चित किया है कि लक्षित लाभार्थियों को उनका हक सीधे और तुरंत मिले।

भारत में डाक सेवाओं का भविष्य आशाजनक है क्योंकि हमारा देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। स्वचालन और डिजिटल प्रगति से दक्षता बढ़ेगी, तथापि दूरदराज के क्षेत्रों में अंतिम-मील कनेक्टिविटी प्राथमिकता बनी रहेगी। वित्तीय समावेशन के प्रति आपकी प्रतिबद्धता वंचितों को सशक्त बनाती रहेगी और हमारे देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान देगी। भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों से उम्मीदें बहुत अधिक हैं और मुझे विश्वास है कि आप देश की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।

अंत में, मैं आप सभी के सफल और उपयोगी करियर की कामना करती हूं तथा राष्ट्र सेवा में उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ।

धन्यवाद, 
जय हिन्द!

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