भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सफाई-मित्र सम्मेलन में सम्बोधन

उज्जैन : 19.09.2024

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श्री महाकालेश्वर की दैवी ज्योति से प्रकाशित तथा पावन शिप्रा नदी के आशीर्वाद से सिंचित इस धरती को मैं सादर नमन करती हूं। प्राचीन काल में इस क्षेत्र को अवन्तिका कहा जाता था। पवित्र ‘द्वादश-ज्योतिर्लिंग-स्तोत्रम्’ में प्रार्थना की जाती है:

अवन्ति-कायां विहिता-वतारम्  

वन्दे महाकाल-महा-सुरेशम् ।

अर्थात

अवन्तिका में अवतार लेने वाले ... देवाधिदेव महाकाल की हम वंदना करते हैं।

महाकाल की नगरी उज्जयिनी में, सदियों से, संस्कृति और सभ्यता की परंपरा निरंतर अस्तित्व में बनी हुई है। आज से लगभग 2600 वर्ष पहले भगवान बुद्ध के समय में उज्जयिनी, अवन्ति राज्य की राजधानी हुआ करती थी। गुप्तकाल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण-युग माना जाता है। उस समय, उज्जैन भारत का सबसे महत्वपूर्ण नगर था।

देवियो और सज्जनो,

आज मुझे इंदौर-उज्जैन सड़क परियोजना का भूमि-पूजन करके बहुत प्रसन्नता हुई है। मैं मुख्यमंत्री महोदय और उनकी पूरी टीम को इस परियोजना की सफलता हेतु शुभकामनाएं देती हूं। इस सड़क परियोजना से यह ऐतिहासिक तथ्य याद आता है कि लगभग 2000 वर्ष पहले उज्जैन ऐसी परिवहन व्यवस्था के केंद्र में था जिसे आज multi-modal transport कहा जाता है। उज्जैन, अंतर-राष्ट्रीय व्यापार का अत्यंत महत्वपूर्ण केंद्र था।

महाकवि कालिदास ने ‘मेघदूतम्’ में उज्जैन की विशालता और भव्यता का अद्भुत चित्रण किया है। वे कहते हैं कि जैसे देवलोक में अलकापुरी है उसी तरह मनुष्य लोक में उज्जयिनी है। किसी भी शब्द का लगातार दो बार प्रयोग करने से बचने वाले महाकवि कालिदास, उज्जयिनी का वर्णन करते हुए ‘विशाला-विशाला’ का प्रयोग करते हैं।

देवियो और सज्जनो,

मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि उज्जैन में आधुनिक विकास के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। विक्रम उद्योगपुरी का विकास इसका उदाहरण है। इस उद्योगपुरी में Medical Devices Park की स्थापना की जा रही है। राज्य में अनेक Express-ways तथा elevated corridors पर काम चल रहा है। Railway और air connectivity को विकसित किया जा रहा है। इन प्रयासों की सफलता-हेतु मैं शुभकामनाएं देती हूं।

देवियो और सज्जनो,

मैंने जन-सेवा की अपनी यात्रा स्वच्छता के कार्यों से ही शुरू की थी। मैं अपने गृह-नगर में Notified Area Council की उपाध्यक्ष थी। मैं प्रतिदिन एक वार्ड से दूसरे वार्ड जाती थी, साफ-सफाई के कार्यों का निरीक्षण करती थी तथा सफाई-मित्रों एवं अन्य लोगों के साथ परामर्श करती थी। सफाई से जुड़े अच्छे बदलाव को देखकर मुझे बहुत संतोष होता था।

पिछले 10 वर्षों में स्वच्छता-अभियान देश-व्यापी जन-आंदोलन बन गया है। इसके कारण व्यापक स्तर पर बदलाव हुए हैं। स्वच्छ भारत मिशन द्वारा, हमारे देशवासियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है तथा अभूतपूर्व व्यवहार परिवर्तन हुआ है। यह देखकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता होती है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्ति के लिए 11 करोड़ से अधिक शौचालय तथा लगभग सवा दो लाख सामुदायिक स्वच्छता परिसर बनाए गए हैं। महिलाओं की गरिमा और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में इस जन-आंदोलन की विशेष भूमिका है। विद्यालयों में बालिकाओं के लिए अलग से शौचालयों की व्यवस्था करने से उनकी साक्षरता और शिक्षा में वृद्धि हुई है। एक प्रतिष्ठित आकलन के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन से बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है। ग्रामीण परिवारों के स्वास्थ्य से जुड़े सालाना खर्च में औसतन 50 हजार रुपए की कमी हुई है।

देवियो और सज्जनो,

मध्य प्रदेश ने शहरी और ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है। इंदौर ने लगातार 7 बार देश का स्वच्छतम शहर बने रहने का कीर्तिमान स्थापित किया है। भोपाल को सबसे स्वच्छ राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। राज्य के अनेक शहर water plus और ODF double plus की श्रेणी में पुरस्कृत हुए हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में मध्य प्रदेश की अन्य कई उपलब्धियां हैं। मैंने कुछ का ही उल्लेख किया है। इन सभी उपलब्धियों के लिए मैं मध्य प्रदेश की सरकार और राज्य के सभी निवासियों की सराहना करती हूं तथा उन्हें बधाई देती हूं।

देवियो और सज्जनो,

स्थानीय स्तर पर, राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों का सबसे अधिक श्रेय हमारे सफाई-मित्रों को जाता है। हमारे सफाई-मित्र, अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता-योद्धा हैं। वे हमें सुरक्षा प्रदान करते हैं - बीमारी से, गंदगी से, स्वास्थ्य से जुड़े खतरों से। वे हमारे राष्ट्र-निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। सफाई-मित्रों का सम्मान करके वास्तव में हम अपना ही गौरव बढ़ाते हैं। सभी देशवासियों की ओर से मैं प्रत्येक सफाई-मित्र को हृदय से धन्यवाद देती हूं। आप सभी सफाई-मित्रों के साथ इस सम्मेलन में भागीदारी करके मुझे विशेष प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।

सफाई-मित्रों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को सुनिश्चित करना सरकार और समाज का महत्वपूर्ण दायित्व है। Man-hole को समाप्त करके Machine-hole के जरिए सफाई करने की व्यवस्था की जा रही है। सफाई-मित्र सुरक्षा शिविरों के माध्यम से उनके health check-up की सुविधा प्रदान की जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न कल्याण योजनाओं के तहत उनको लाभान्वित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि मध्य प्रदेश में अनेक शहरों को सफाई-मित्र सुरक्षित शहर घोषित किया गया है।

देवियो और सज्जनो,

स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण के दौरान, जो वर्ष 2025 तक चलेगा, हमें सम्पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य पूरा करना है। ‘खुले में शौच से मुक्त’ रहने की स्थिति को बनाए रखते हुए solid और liquid waste management में राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

आगामी गांधी जयंती तक पूरे देश में ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ के सन्देश को प्रसारित करने का अभियान प्रगति पर है। ‘स्वच्छता ही सेवा’ की भावना के साथ, केंद्र सरकार के ‘जल-शक्ति मंत्रालय’, ‘आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय’ तथा राज्य सरकारों के पारस्परिक सहयोग से ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को और आगे बढ़ाया जा रहा है। हमारे देशवासी गंदगी को दूर करके भारत-माता की सेवा करने का संकल्प ले रहे हैं। मुझे आशा है कि गांव-गांव और गली-गली, स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार तथा इस अभियान के लिए श्रमदान करने हेतु सभी नागरिक आगे आएंगे। ऐसा करके हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता से जुड़े आदर्शों को कार्यरूप दे पाएंगे। हम सभी जानते हैं कि स्वच्छता की ओर बढ़ाया गया हमारा एक कदम पूरे देश को स्वच्छ रखने में सहायक सिद्ध होगा।

आइए! हम सभी स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण का संकल्प लें।

धन्यवाद,  
जय हिन्द!  
जय भारत!

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