भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मेघालय में नागरिक अभिनंदन समारोह में संबोधन

शिलांग : 16.01.2024

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मेघालय, जैसा कि इसका नाम ही कहता है, दिव्य सुंदरता से भरी भूमि है। शिलांग की असाधारण शांति से लेखकों, संतों, स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को प्रेरणा मिली है। गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की रचनात्मकता इस क्षेत्र के परिवेश से प्रेरित हुई और उन्होंने 'शेशेर कोबिता' उपन्यास लिखा। सेंट एडमंड कॉलेज में, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने स्वतंत्रता के लिए एक प्रेरक भाषण दिया। वर्तमान में रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द सांस्कृतिक केन्द्र के नाम से प्रसिद्ध क्विंटन मेमोरियल हॉल में स्वामी विवेकानन्द ने जीवन की तुलना तीर्थयात्रा से की थी। मैं, स्वतंत्रता सेनानी यू सिब चरण को भी याद करती हूँ, जिन्होंने असहयोग आंदोलन में सहयोग किया था। 1945 में यहाँ शिलांग में युवाओं ने "वंदे मातरम" के नारे के साथ रिलबोंग मैदान में भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

मेघालय की यात्रा करना वास्तव में बड़े सौभाग्य की बात है – इस भूमि में प्रकृति के उपहार और लोगों की सादगी भरी हुई है। मैं, मेघालय सरकार और मेघालय की जनता द्वारा गर्मजोशी से किए गए स्वागत से अभिभूत हूं।

अपनी अनूठी मेहमाननवाज़ संस्कृति, क्रिस्टल-क्लियर डॉकी नदी, प्रसिद्ध रूट ब्रिज, कई प्राकृतिक गुफाओं, सुंदर जलवायु और लुभावने परिदृश्य के लिए जाना जाने वाला मेघालय किसी परी कथा जैसा स्थान लगता है जहां बादल ही बादल और जादू भरा रहता है।

मुझे यह कहते हुए बेहद खुशी हो रही है कि जिन विभिन्न परियोजनाओं का मुझे उद्घाटन करने का अवसर मिला है उनसे मेघालय और देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी और इनसे समावेशी और समग्र विकास की प्रक्रिया में सहायता मिलेगी।

मेरी यात्रा के दौरान तुरा में, नए एकीकृत प्रशासन परिसर की आधारशिला भी मैंने रखी है। मुझे उम्मीद है कि इससे सुशासन को बढ़ावा मिलेगा और प्रशासन और अधिक जन-केंद्रित बनेगा।

देवियो और सज्जनो,

मेघालय में पर्यटन संबंधी गतिविधियों के अपार अवसर और संभावनाएं उपलब्ध हैं। सरकार पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई परियोजनाएं क्रियान्वित कर रही है। मेघालय में उमियम लेक व्यू और ऑर्किड लेक रिज़ॉर्ट का विकास, पश्चिमी खासी हिल्स में खुडोई और कोहमांग झरने, जैंतिया हिल्स में क्रैंग सूरी झरने, नोकरेक रिजर्व, कट्टा बील और गारो हिल्स में सिजू गुफाओं की विकास संबंधी परियोजनाएँ भी चलाई जा रही रही हैं।

इस यात्रा के दौरान, मैंने कई परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया है जैसे रोंगजेंग मांगसांग एडोकग्रे का विकास कार्य और मैरांग रानीगोडाउन अजरा रोड का विकास कार्य। शिलांग पीक रोपवे परियोजना और कोंगथोंग में ग्राम आवास का शिलान्यास भी किया है।

मैं, इन परियोजनाओं के सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए राज्यपाल श्री फागू चौहान जी और मुख्यमंत्री श्री कॉनराड संगमा जी को बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।

गत वर्ष नवंबर में शिलांग में इंटरनेशनल टूरिज्म मार्ट का 11वां संस्करण भी आयोजित किया गया था। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इससे पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को जनता तक पहुँचाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए एक बड़ा मंच मिला है। इससे न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए अद्वितीय पर्यटन उत्पादों, समृद्ध जैव विविधता और स्थानीय परंपराओं, नृत्य रूपों, कला, हस्तशिल्प और हथकरघा सहित अद्वितीय अमूर्त विरासत प्रस्तुत की है।

जून 2023 में मेघालय पर्यटन नीति 2023 भी लॉन्च की गई थी। मैं, इसके लिए मुख्यमंत्री संगमा जी को बधाई देती हूं क्योंकि इस नीति से मेघालय को अपनी पर्यटन क्षमता निरंतर और जिम्मेदारी से बढ़ाने और विस्तार करने में मदद मिलेगी।

देवियो और सज्जनो,

मेघालय की विरासत का पाषाण युग के प्रागैतिहासिक काल से जुड़ी है और अगले सप्ताह आप सब राज्य के 52 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाएंगे। राज्य की इस आकर्षक यात्रा को पूरा करने के लिए मैं, आपको अग्रिम बधाई देती हूं।

मेघालय "अष्ट लक्ष्मी" राज्यों में एक है। जब भारतीय श्रद्धा से पूर्व की ओर झुकते हैं, तो प्रकाश के स्रोत के रूप में सूर्य देव की आराधना करते हैं और अज्ञानता और बुराई की छाया को दूर करने के लिए प्रार्थना करते हैं। इसलिए यह कहना सही होगा कि "पूर्वोदय" के बिना "भारत उदय" नहीं हो सकता। सरकार नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी, रोजगार और बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। लुक ईस्ट को एक्ट ईस्ट में विकसित करके सरकार पूर्वोत्तर राज्यों को भारत के दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार बनाना चाहती है।

आज जब हम अपनी आजादी के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं और मेघालय सरकार का राज्य को आर्थिक विकास का महत्वाकांक्षी केंद्र बनाने का उद्देश्य भारत को एक विकसित देश बनाने के राष्ट्रीय लक्ष्य से जुड़ा है।

इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर यात्रा में चुनौतियां भी होंगी, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम प्रत्येक लक्ष्य को पूरा कर लेंगे, नई ऊंचाइयों को छूएंगे और अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में आने वाली बाधाओं को पार करेंगे। नैतिक नेतृत्व, सही दिशा और कठिन परिश्रम से हम निश्चित ही विश्व के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करेंगे। अंत में, मैं आपके प्यार और स्नेह के लिए आप सभी को धन्यवाद देती हूं और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं।

खुबलेई शिबुन, 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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