भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा असम सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन/आधारशिला रखने के अवसर पर संबोधन

असम : 13.10.2022

डाउनलोड : भाषण भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा असम सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन/आधारशिला रखने के अवसर पर संबोधन(हिन्दी, 520.62 किलोबाइट)

मां कामाख्या देवी की धरती असम की यात्रा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। अपनी मनोरम सुंदरता और शांति वाले असम को देश में नंबर एक चाय उत्पादक राज्य होने का गौरव प्राप्त है । दुनिया के दो-तिहाई एक सींग वाले गैंडे असम में रहते हैं। शानदार ब्रह्मपुत्र नदी इस पूरे क्षेत्र में बहती है और यह नदी भारत के उत्तर पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के प्रवेश द्वार के लिए लिंक के रूप में कार्य करती है। ऐसे खूबसूरत परिवेश में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी का कैंपस स्थित है ।

अपनी स्थापना की छोटी सी अवधि में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी ने अपनी उपलब्धियों से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में इस क्षेत्र और राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2022 के अनुसार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी इंजीनियरिंग संस्थानों में 7वें स्थान पर है और यह संस्थानों की 'ओवर आल' श्रेणी में 8वें स्थान पर पहुँच गई है। मुझे यह जानकर भी खुशी हो रही है कि कुछ दिन पहले, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी ने भारतीय सेना के लिए किफ़ायती और टिकाऊ रक्षा अवसंरचना विकास के लिए एक 3 डी-प्रिंटिड संतरी चौकी का निर्माण किया है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी ज्ञान का एक ऐसा केंद्र है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी मामलों और अन्य चुनौतियों के लिए तकनीकी समाधान प्रस्तुत कर सकता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में एकमात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान होने के नाते इस संस्थान को क्षेत्र में, अन्य संस्थानों को विकसित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और हमारी सीमाओं को सुदृढ़ करने में राज्य सरकार और रक्षा बलों के साथ काम करना चाहिए तथा इस क्षेत्र में बार-बार होने वाली प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम के लिए तकनीकी समाधान प्रस्तुत करने चाहिए। इस संस्थान द्वारा नवाचारों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, अत्याधुनिक तकनीकों में स्वदेशीकरण की दिशा में काम करने, कौशल विकास के अवसर प्रदान करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने में आगे बढ़कर भाग लेना चाहिए।

मुझे प्रसन्नता है की मैंने जिन केन्द्रों का उद्घाटन किया है उनसे तकनीकी प्रगति में सहायता मिलेगी और स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में देश की भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। मुझे विश्वास है की भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी को सुपर कंप्यूटर परम-कामरूपा से स्वास्थ्य देखभाल और जैव-सूचना विज्ञान, क्वांटम कंप्यूटिंग, बड़े डेटा विश्लेषण, उच्च श्रेणी की मौसम भविष्यवाणी और आपदा रोकथाम के क्षेत्रों से जुड़ी चुनौतियां से निपटने में सहायता मिलेगी। इससे कृत्रिम बुद्धिमता के उन्नत उपयोग में मदद मिलेगी जो राष्ट्र के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। इस सिस्टम में प्रयुक्त कम्पोनेंट्स बड़ी संख्या में भारत में बनाए और असेंबल किए गए हैं । मुझे यह बताया गया है कि वर्ष 2016 में यहीं एक और सुपर कंप्यूटर परम-ईशान भी स्थापित किया गया है। मुझे बताया गया है कि वर्ष 2015 में शुरू किए गए राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन के तहत सुपर कंप्यूटिंग सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं। मिशन का उद्देश्य भारत को सुपर कंप्यूटिंग में विश्व में अग्रणी बनाना है तथा राष्ट्रीय और वैश्विक महत्व की चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने में भारत की क्षमता को बढ़ाना है।

सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (एसएएमईईआर) की प्रयोगशाला उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव घटकों के डिजाइन और विकास के लिए समर्पित होगी। इसके रक्षा और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपयोग होंगे। स्वदेशीकरण से चिकित्सा विज्ञान को, विशेष रूप से कैंसर के उपचार को और अन्य गैर-विनाशकारी परीक्षणों के लिए बहुत बल मिलेगा।

मुझे यह जानकर खुशी है कि असम सरकार द्वारा सभी के लिए उनके द्वार पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए सच्चे प्रयास किए जा रहे हैं। धुबरी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, क्षेत्र में सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा शिक्षा प्रदान करेगा। मुझे खुशी है कि राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी), किसी भी मेडिकल इमरजेंसी या महामारी की स्थिति से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने और त्वरित समाधान प्रदान करने के लिए डिब्रूगढ़, असम और जबलपुर, मध्य प्रदेश में अपने क्षेत्रीय संस्थान स्थापित कर रहा है। ये संस्थान देश में नैदानिक ​​सुविधाओं और जैव-निगरानी तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

देवियो और सज्जनों,

भारत सरकार बेहतर स्वास्थ्य नीतियों और उन्नत बुनियादी ढांचे के साथ स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का सहयोग कर रही है। हाल के वर्षों में, सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके अलावा, अधिक से अधिक छात्रों के लिए चिकित्सा शिक्षा को सुलभ बनाने और अधिक संख्या में योग्य चिकित्सक तैयार करने के लिए देश भर में कई नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं।

आज भारत का उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है और क्षेत्र और देश के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रणाली प्रदान करने के लिए असाधारण प्रयास कर रहा है। असम सरकार, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी को एक उन्नत मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान कर रही है जो देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए इसी तरह की पहल करने के लिए एक उदाहरण बनेगा । इन परियोजनाओं के फलस्वरूप क्षेत्र के विकास से भारत को तकनीकी रूप से उन्नत राष्ट्र बनाने और एक समावेशी समाज बनाने की नींव रखी जा सकेगी। हम सभी जानते हैं कि सूर्य पहले भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में उगता है और फिर पूरे देश में अपना प्रकाश फैलाता है। मैं चाहती हूँ कि हमारे संविधान की भावना के अनुरूप पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश कि जनता में ज्ञान का विस्तार करने और 'वैज्ञानिक अभिरुचि' पैदा करने में अग्रणी होना चाहिए।

मेरा आग्रह है की देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान अधिक से अधिक अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दें ताकि भारत तकनीकी नवाचारों में अग्रणी बन सके और जो समाज के कल्याण के लिए लाभदायक हो। भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्पष्ट रूप से स्वीकार करती है कि आज की सामाजिक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले अंतर्विषयक अनुसंधान की आवश्यकता है और यह अनुसंधान भारत में किया जाना चाहिए, इसे आयात नहीं किया जा सकता है। विशेष रूप से उच्च शिक्षा वाले शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार किया जाना महत्वपूर्ण है । भारत में अनुसंधान और ज्ञान सृजन की एक लंबी ऐतिहासिक परंपरा रही है। 21वीं सदी में भारत को अग्रणी अनुसंधान और नवाचार केंद्र बनाने के लिए इसे और मजबूत करने की आवश्यकता है।

मैं आज की परियोजनाओं के उद्घाटन से जुड़े सभी लोगों को फिर से बधाई देती हूं। आज शुरू की गई और उद्घाटन की गई सभी सुविधाओं का उपयोग नागरिकों के लाभ के लिए किया जाना चाहिए। आइए, हम सभी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि तकनीकी नवाचारों का लाभ देश के सुदूर हिस्सों तक पहुंचे और जनता को उनके द्वार पर गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ मिल सकें।

 

धन्यवाद,
जय हिन्द! 
जय भारत!

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