भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जी नारायणम्मा महिला प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान में संबोधन
हैदराबाद : 29.12.2022
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मुझे आज जी. नारायणम्मा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस फॉर वूमेन का दौरा करके खुशी हो रही है। मैं इस वर्ष संस्थान की रजत जयंती के अवसर पर संस्थान के सभी हितधारकों को बधाई देती हूं। आज यहां बड़ी संख्या में युवा और उत्साही महिला इंजीनियरों को देखकर बहुत खुशी हो रही है।
मुझे बताया गया है कि महिला दक्षता समिति की महिलाएं भी आज यहां मौजूद हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस समिति के माध्यम से कमजोर वर्ग के छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मुझे बताया गया है कि महिला दक्षता समिति महिलाओं को चौतरफा सहयोग प्रदान करती है। समिति के कॉलेज वंचित महिलाओं का विकास, देखभाल, पोषण और सशक्तिकरण करते हैं।
प्यारे विद्यार्थियों,
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि जी. नारायणम्मा संस्थान हजारों छात्राओं को शिक्षा प्रदान कर रहा है। इस संस्थान ने पिछले कुछ वर्षों में युवा महिलाओं के लिए professional के रूप में प्रौद्योगिकी की दुनिया में प्रवेश करने के अवसर उपलब्ध कराए हैं। मुझे बताया गया है कि इस संस्थान ने प्रतिष्ठित संस्थानों सेअवार्ड प्राप्त किए हैं और अपनी पहचान बनाई है। संस्थान को मैक लैब-आधारित प्रशिक्षण के लिए ऐप्पल कंपनी द्वारा उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में भी चुना गया है, जो दुनिया में अपनी तरह के अलग प्रशिक्षण केंद्र हैं। मुझे आशा है कि GNITS इस अवसर का उपयोग छात्रों को industry-ready बनाने में करेगा।
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि वैश्विक जरूरतों के प्रासंगिक समाधान के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए 2022 में नासा इंटरनेशनल चैलेंज के सहयोग से दुनिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल स्पेस ऐप चैलेंज जीएनआईटीएस में आयोजित किया गया था। जीएनआईटीएस की टीमों ने इस अंतरराष्ट्रीय चैलेंज में पदक जीते है और मैं पदक जीतने वाले छात्रों को बधाई देती हूं।
मुझे बताया गया है कि कॉलेज ने छात्रों के समग्र विकास के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब, तेलंगाना पुलिस की SHE टीमों के साथ महिला सुरक्षा कार्यक्रम तथा कर्मचारियों और छात्रों के बीच फिटनेस वृत्ति को बढ़ावा देने जैसी कई पहल की हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत को global knowledge superpower है और यह Access, Equity, Quality और Accountability के चार स्तंभों पर आधारित है। एक अधिक लचीली, समग्र और बहु-विषयक शिक्षा प्रणाली अधिक रचनात्मकता ला सकती है और छात्रों की सीखने की क्षमता को बढ़ा सकती है। मैं यहां इस बात पर भी प्रकाश डालूंगी कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी बल देती है।
प्यारे विद्यार्थियों,
इंजीनियरों ने स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, बैंकिंग, विपणन और दूरसंचार सहित हर क्षेत्र में प्रमुख योगदान दिया है। इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इंजीनियरिंग ने कंप्यूटर, चिकित्सा उपकरण, इंटरनेट, स्मार्ट डिवाइस और डिजिटल भुगतान प्रणाली सहित तकनीकी प्रगति में बड़ी भूमिका निभाई है। जब अकल्पनीय और अभूतपूर्व समस्याओं के त्वरित और स्थायी समाधान की आवश्यकता होती है तो पेशे के रूप में इंजीनियरिंग की भूमिका आज की दुनिया में बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।
आप सब में दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की ताकत है। आप जो भी समाधान खोजें या भविष्य में जो प्रौद्योगिकियां तैयार करें, वे people-oriented और environment-friendly होनी चाहिए। हाल ही में सीओपी 27 में भारत ने एक शब्द - LiFE में एक सुरक्षित ग्रह के अपने दृष्टिकोण को दोहराया, जिसका अर्थ पर्यावरण-उन्मुख जीवन शैली है। हम अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त कर रहे हैं और उनमें सुधार कर रहे हैं। हम नवीकरणीय ऊर्जा, ई-मोबिलिटी, इथेनॉल-मिश्रित ईंधन और ग्रीन हाइड्रोजन में नई पहल कर रहे हैं। ये पहल, तकनीकी नवाचारों के उपयोग से जमीनी स्तर पर बेहतर परिणाम देना शुरू कर सकती हैं। कोविड महामारी ने साबित किया है कि लोग नई तकनीकों को काफी तेजी से अपना सकते हैं और सीख सकते हैं। वास्तव में, समयबद्ध तरीके से एक बड़ी आबादी के लिए कोविड टीकों का development और administration प्रौद्योगिकी का चमत्कार है।
प्यारे विद्यार्थियों,
आज के समय में प्रौद्योगिकी के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षिक, पर्यावरण और भू-राजनीतिक पक्ष भी हैं। इसमें लगातार विकास हो रहा है और यह हर क्षेत्र को प्रभावित कर रही है। मुझे उम्मीद है कि आप बड़े पैमाने पर जनता के लाभ के लिए नवीन तकनीकों पता लगाएंगे और इस तरह लोगों के जीवन में सुधार लाएँगे। आपको वंचित वर्गों, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग व्यक्तियों और विशेष सहायता की आवश्यकता वाले अन्य लोगों के लिए इंजीनियरिंग समाधान खोजने के बारे में भी सोचना चाहिए।
कुछ दिन पहले, Google के सीईओ श्री सुंदर पिचाई के साथ एक बैठक में, मैंने भारत में universal digital literacy की आवश्यकता पर बल दिया था। हम जानते हैं कि मोबाइल फोन, इंटरनेट और असीमित जानकारी दुनिया के हर कोने में पहुंच चुकी है। लोग तकनीक का आज जो इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसा पहले कभी नहीं किया गया है। लेकिन यह आवश्यक है कि इसका सार्थक उपयोग किया जाए, जो डिजिटल साक्षरता के माध्यम से संभव है।
प्यारे विद्यार्थियों,
महिलाओं ने इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में महान योगदान दिया है। हमारे पास प्रेरणादायक महिलाओं के उदाहरण हैं जो बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रही हैं, स्टार्ट-अप शुरू कर चुकी हैं और दूरसंचार, आईटी, विमानन, मशीन डिजाइन, निर्माण कार्य, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य सभी क्षेत्रों में प्रमुख रूप से योगदान दे रही हैं। यहां मैं, बताना चाहूंगी कि कभी-कभी महिलाएं घरेलू दबाव और अन्य मुद्दों के कारण अपने करियर को आगे नहीं बढ़ा पाती हैं। मेरा आप सभी से आग्रह है कि अपने रास्ते में आने वाली चुनौतियों से पार पाएं और अपने करियर में आगे बढ़ें।
महिलाओं को और आगे बढ़कर विज्ञान के क्षेत्र को अपनाना चाहिए। एसटीईएम अर्थात विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। टेक्नोक्रेट और इनोवेटर्स के रूप में युवा महिलाओं को प्रोत्साहित करना देश को एक मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर ले जा सकता है। तकनीक के क्षेत्र में महिलाएं अलग नजरिया और कौशल लेकर आती हैं। महिलाओं की संज्ञानात्मक क्षमताएं विभिन्न स्तरों पर ज्ञान और प्रौद्योगिकियों को समझने के तरीके में बदलाव ला सकती हैं।
प्यारे विद्यार्थियों,
सशक्त बनो तथा दूसरों को भी सशक्त बनाइए। केवल अपनी सफलता और प्रसन्नता से संतुष्ट न हो जाएँ। राष्ट्र और संपूर्ण मानवता के प्रति भी आपका कर्तव्य है। आपको व्यापक भलाई के लिए अपनी प्रतिभा और तकनीकी क्षमताओं का उपयोग करना चाहिए। प्रौद्योगिकी का लाभ दूर-दराज के क्षेत्रों और गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल दूरी को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। आप एक ऐसा आधार हैं जिसके माध्यम से हम एक समावेशी, पर्यावरण अनुकूल, स्मार्ट और प्रौद्योगिकी-संचालित भविष्य में प्रवेश कर सकते हैं। संक्षेप में, प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक न्याय के एक साधन के रूप में किया जाना चाहिए।
मैं आप सभी के उज्ज्वल और सफल भविष्य की कामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!