टर्की गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, श्री रेजेप तायिप एर्दोआन के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 01.05.2017

डाउनलोड : भाषण टर्की गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, श्री रेजेप तायिप एर्दोआन के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण(हिन्दी, 498.42 किलोबाइट)

speechटर्की गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति,

श्री रेजेप तायिप एर्दोआन,

मदाम एमीने एर्दोआन,

महामहिमगण,

देवियो और सज्जनो,

इस संध्या आप सभी का स्वागत करना सौभाग्यपूर्ण है।

इस समय मुझे युनूस एमरे के प्रसिद्ध शब्द‘हृदय मित्र के लिए एक सुंदर बसेरा है’याद आते हैं। हम राष्ट्रपति एर्दोआन,मादाम एमीने एर्दोआन तथा आपके शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों का पूर्ण उत्साह से स्वागत करते हैं।

महामहिम, मुझे 2013 में आपके सुंदर देश की अपनी यात्रा की सुखद स्मृति है। मेरी संपूर्ण यात्रा के दौरान,टर्की की मित्र जनता की गर्मजोशी मेरे मन में अभी तक ताजा है। मुझे प्रसन्नता है कि आपकी भारत की राजकीय यात्रा ने मुझे राष्ट्रपति भवन में आपका और मादाम एमीने एर्दोआन का स्वागत करने और बदले में आपकी सरकार और जनता के हार्दिक आतिथ्य सत्कार का यह अवसर प्रदान किया है।

देवियो और सज्जनो,

भारत और टर्की के संबंध दो आधुनिक और स्वतंत्र राष्ट्रों के रूप में हमारे राजनयिक संबंधों की स्थापना से पहले के हैं। सदियों से और हमारे साझे इतिहास के द्वारा यह विकसित और घनिष्ठ हुआ है। भारतीय कला और वास्तुशिल्प,हमारी भाषा, हमारे देश में विकसित राजनीतिक और सैन्य संगठनात्मक ढांचे,हमारे कुछ कानून, हमारी वेश-भूषा,रीति-रिवाज और पाक शैली में टर्की का अत्यधिक योगदान है। सूफीवाद के महानतम प्रतिपादकों मेवलाना जलालुद्दीन रूमी,युनूस एमरे, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती,निजामुद्दीन औलिया और अमीर खुसरो द्वारा हमारे आध्यात्मिक और दार्शनिक संबंध स्थापित किए गए हैं। इन कवि दार्शनिकों की सामाजिक-धार्मिक विरासत ने उन चिरंतन मूल्यों सहिष्णुता,सार्वभौमिक भाईचारे और मानवता पर बल दिया जो वर्तमान अशांत समय में शांति और सामाजिक सौहार्द के सूत्र हैं।

महामहिम,

टर्की को बालकन युद्ध और पुन: स्वतंत्रता संग्राम में भारत के सुदृढ़ समर्थन ने हमारे इतिहास के निर्णायक क्षणों के दौरान हमारी जनता की मैत्री और सहानुभूति की गहराई को प्रदर्शित किया है। हम सभी को1912 में टर्की के लिए डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी का मिशन याद है जो उन्होंने बालकन युद्ध के दौरान चिकित्सा सहायता के लिए आरंभ किया था। हमारे राष्ट्रीय नेताओं महात्मा गांधी,रवींद्रनाथ ठाकुर और जवाहरलाल नेहरू को आपके नेताओं के साथ पूर्ण समानुभूति थी क्योंकि उन्होंने विदेशी शासन से आपके देश की मुक्ति के लिए लड़ाई लड़ी।

एक वैश्वीकृत दुनिया में,दो उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के रूप में आज हम दोनों वर्तमान अवसरों का लाभ उठाने के लिए आर्थिक सहयोग बढ़ाना और परस्पर लाभ की हमारी पूरकताओं को मजबूत बनाना चाहते हैं।

महामहिम,

2008 में भारत की आपकी विगत यात्रा के बाद से हमारे दोनों देशों के बीच व्यापार कई गुना बढ़ गया है। इससे हमें सामान और सेवाओं के द्विपक्षीय प्रवाह और निवेश को बढ़ाने के ओर कदम उठाने की प्रेरणा प्राप्त होगी।

भारत के नवीनतम आर्थिक सुधारों और अग्रणी पहलों ने हमें एक आकर्षक कारोबार गंतव्य बना दिया है। हम,टर्की की कंपनियों का भारत में, विशेषकर ढांचागत क्षेत्र में जिसमें उन्हें विशेष योग्यता प्राप्त है,निवेश के लिए स्वागत करते हैं। इसी प्रकार हम भारतीय कंपनियों को टर्की में संभावनाएं खोजने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

हमारे दोनों देशों के बीच मैत्री और हमारी जनता के बीच अत्यधिक सद्भावना ना केवल आर्थिक और वाणिज्यिक क्षेत्र बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी,ऊर्जा क्षेत्र, कृषि,शिक्षा, पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी में सफलता का मूल्यवान आधार है। हमारे बीच क्षमताएं हैं,जिन्हें जोड़ दिया जाए तो हम अपेक्षित परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

महामहिम, यह अभूतपूर्व विश्व चुनौतियों का दौर है। हमारे समय की वास्तविकता आतंकवाद की बुराई ने दशकों से भारत और टर्की को पीड़ित किया है। भारत मानता है कि आतंकवाद का कोई भी औचित्य नहीं हो सकता। सरकारी नीति के साधन के रूप में,इसका प्रयोग खतरनाक और निंदनीय है। हम मानते हैं कि इस बुराई से प्रभावी रूप से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के और घनिष्ठ समन्वय तथा एकजुट प्रयास की आवश्यक हैं।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव एक अन्य असाधारण प्रकार की विश्व चुनौती है। सहमति प्राप्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विज्ञान,प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम तरीके प्रयोग करना विश्व के लिए अत्यंत आवश्यक है ताकि हम विश्व को रहने का एक बेहतर स्थान बनाने का सच्चा दावा कर सकें।

मुझे विश्वास है कि भारत और टर्की के बीच लाभप्रद सहयोग को नई गति प्रदान करने तथा हमारे दोनों राष्ट्रों की परस्पर सद्भावना और स्थायी मैत्री को घनिष्ठ बनाने के लिए विगत यात्रा की तरह आपकी राजकीय यात्रा अपने परिणामों के लिए याद रखी जाएगी।

राष्ट्रपति महोदय,इन्हीं कुछ शब्दों के साथ, मैं आपकी यात्रा के लिए धन्यवाद देता हूं। कृपया टर्की की मित्र जनता की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए भारत की जनता की शुभकामनाएं स्वीकार करें। मैं आपके और मादान एमीने एर्दोआन की सुखद और सुरक्षित वापसी की कामना करता हूं।

धन्यवाद!

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