रायपुर, छत्तीसगढ़ में राज्योत्सव समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन सभागार, नई दिल्ली : 20.11.2012
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मुझे नायर सर्विस सोसायटी द्वारा नई दिल्ली में स्थापित किए गए मन्नान अंतरराष्ट्रीय केन्द्र का उद्घाटन करके प्रसननता हुई है।
नायर सर्विस सोसायटी के संस्थापक मन्नत पद्मनाभन एक दूरदर्शी और सामाजिक सुधारक थे जिन्हें भारत केसरी और पद्म भूषण पुरस्कार प्रदान किए गए थे। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष किया और केरल के लोगों के आर्थिक उत्थान के लिए भरसक प्रयास किया। उन्होंने केरल में वायकोम सत्याग्रह में भाग लिया जिससे वायकोम मंदिर के आसपास की गलियों को हिन्दू समाज के सामाजिक रूप से उपेक्षित वर्गों के लिए खोल दिया गया तथा उन्होंने गुरुवायुर सत्याग्रह भी किया जिससे मंदिरों में उपेक्षित वर्गों का प्रवेश संभव हो गया।
श्री पद्मनाभन ने समाज के पीड़ितों की स्थिति में सुधार के लिए अपार उत्साह और समर्पण के साथ कार्य किया। उनका मानना था कि जाति मनुष्यों के बीच विभाजन का कारण नहीं होना चाहिए। मानव सभ्यता और महात्मा गांधी के अहिंसा व सत्याग्रह के तरीकों के प्रति दूढ़ विश्वासी व मन्नाम ने केरल के लोगों, विशेषकर नायर समुदाय को पतन से बाहर निकालने के लिए जागरूक करने हेतु अपनी संगठन और वक्तृत्व शैली का प्रयोग किया।
मन्नाम पद्मनाभन ने नायर सर्विस सोसायटी की स्थानरा की और उसे प्रोत्साहन किया जिसने केरल राज्य में बहुत से शिक्षा संस्थान, चिकित्सि प्रतिष्ठान और औद्योगिक इकाइयों की शुरुआत की। मन्नामारा स्थापित कारयोगम आधुनिक स्वयं सहायता समूहों में अग्रणी थे।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि नायर सर्विस सोसायटी ने स्थापना के 98 वर्ष पूरे कर लिए हें और दिल्ली नायर सर्विस सोसायटी की स्थापना को तीस वर्ष हो गए हैं।
मैं जानता हूं कि नवस्थापित मन्नाम अंतरराष्ट्रीय केन्द्र वरिष्ठ नागरिकों को देखभाल करेगा, वंचितों को स्वास्थ्य सुविधाएं, राजधानी आने वाले जरूरतमंदों को अस्थायी आश्रय और सामुदायिक समारोहों के लिए स्थान मुहेया करवाएगा। इसमें हेल्पलाइन 24 घंटे होगी तथा मन्नाम के जीवन और कार्यों पर शोध केन्द्र होगा।
मैं केन्द्र को सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं और वंचितों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऐसे संस्थानों के निर्माण के प्रयासों हेतु नायर सर्विस सोसायटी को बधाई देता हूं। नायर सर्विस सोसायटी की एक ऐसे संगठन के रूप में दीर्घ परंपरा रही है जो सभी समुदायों की जरूरतों को पूरा करेगी। मुझे विश्वास है कि मन्नाम
अंतरराष्ट्रीय केन्द्र इस शानदार परंपरा को जारी रखेगा और सभी जरूरतमंदों को अपनी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। जय हिंद।