राष्ट्रपति संपदा के लिए इंटेलिजेंट ऑपरेशन्स सेंटर के उद्घाटन और मोबाइल एप ‘मॉनिटर’ को लॉन्च करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

राष्ट्रपति भवन : 19.05.2016

डाउनलोड : भाषण राष्ट्रपति संपदा के लिए इंटेलिजेंट ऑपरेशन्स सेंटर के उद्घाटन और मोबाइल एप ‘मॉनिटर’ को लॉन्च करने के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण(हिन्दी, 200.62 किलोबाइट)

sop1.मुझे स्मार्ट राष्ट्रपति संपदा के लिए इंटेलिजेंट ऑपरेशन्स सेंटर के उद्घाटन करने और मोबाइल एप‘मॉनिटर’को लॉन्च करने पर बड़ी प्रसन्नता हुई है। सर्वप्रथम मैं राष्ट्रपति भवन की टीम और आईबीएम की टीम को अवधारणा,सहयोग और इस महत्वपूर्ण परियोजना के तीव्र कार्यान्वयन के लिए बधाई देना चाहूंगा जिसका उद्देश्य संपदा को एक स्मार्ट टाउनशिप में परिवर्तित करना है।

2.भारत एक अनेकता और अवसर की भूमि है। शासन की जटिलता नवीकरण और वैश्विक सर्वोत्तम प्रयास करने का स्कोप बनाती है। पिछले कुछ दशकों में हमें प्रगति में आश्चर्यजनक कदम उठाए हैं। इस प्रक्रिया में हमने नागरिकों के जीवन में गहरा बदलाव किया है। फिर भी इससे पहले कि हम वैध रूप से इस देश के प्रत्येक नागरिक को मूल आवयकताएं प्रदान करने का दावा कर सकें,हमें मीलों दूरी तय करनी है।

देवियो और सज्जनो,

3.जब मैंने भारतीय गणराज्य के 13वें राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था तो मुझे मालूम नहीं था कि राष्ट्रपति भवन के भव्य मुखौटे के पीछे एक जीवंत और प्रकंपित टाउनशिप है जिसमें6,000 निवासी रहते हैं। यह टाउनशिप सूक्ष्म ब्रह्मांडीय भारत है जहां निवासी अलग-अलग धर्मों से संबंध रखते हैं,उनकी अलग अलग आस्थाएं हैं, वे विभिन्न रिति-रिवाजों,आदतों और परंपराओं को निभाते हैं। इस परिसर में एक मंदिर,एक मस्जिद, एक गुरुद्वारा और सड़क पर एक चर्च है। टाउनशिप में स्कूल,सर्वांगीण स्वास्थ्य लाभ केंद्र, डिस्पेंसरी, पुस्तकालय,बाजार, संग्रहालय,बैंक और डाकखाना हैं। टाउनशिप के भीतर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय अवस्थि है जिसमें15,00 छात्र राष्ट्रपति संपदा और दिल्ली के अन्य भागों से पंजीकृत हैं।

4.मेरे सचिवालय ने राष्ट्रपति संपदा को एक मॉडल टाउनशिप बनाने के लिए एक बहुतायत कार्य को चुना। हमने एक मूल्य उन्मुख शासन मॉडल का अनुसरण किया जो दया और दूसरों की सेवा के मूल सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित है। ऐसे मॉडल में प्रसन्नता भौतिक रूप से समृद्ध होने से नहीं बल्कि मूल्यों का अनुसरण करने से आती है जो मानव अस्तित्व के उच्चतम सिद्धांत हैं। संपदा में कल्याण के प्रति हमारा दृष्टिकोण इन्हीं पक्तिंयों पर आधारित है। आरंभ किए गए कार्य में स्कूल के आधुनीकीकरण,अवसंरचना में सुधार, जल,ऊर्जा और अवशिष्ट पदार्थों का कुशल प्रबंधन,विरासत का संरक्षण और खेल अवसंरचनाओं और मनोरंजन का आंरभ से संबंधित है। जब मुझे शुरु में बदलाव के इस विचार से अवगत कराया गया,मैंने अपने सचिव से कहा कि हमें इस संपदा को एक 3-एच टाउनशिप अर्थात मानवीय,उच्च तकीनीकी और विरासत टाउनशिप के रूप में आधुनिक बनाना है। मुझे जुलाई2012 से टाउनशिप में आरंभ की गई गतिविधियों को देखने का अवसर मिला। और मैं महसूस करता हूं कि वरिष्ठ नागरिकों,विशेष रूप से अयोग्य बच्चों,प्री-स्कूल बच्चों, खेलकूद एवं अन्य कार्यक्रम,सर्वांगीण स्वास्थ्य लाभ,स्कूल का आधुनीकीकरण,कौशल विकास और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से संबंधित पहलों ने संपदा के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में समर्थन किया है।

5.संपदा समुदाय के जीवन स्तर में सुधार की यात्रा एक कभी न समाप्त होने वाला प्रकरण है। दीवार को एक चमकदार शेड देने के के लिए पेंट की एक परत लगाने की हमेशा संभावना रहती है। यदि मुझे टाउनशिप में जीवन की गुणवत्ता के चलते बदलाव के साथ संबंधित मानवीय भाव का ब्योरा देने के लिए कोई शब्द इस्तेमाल करना पड़े तो वह प्रसन्नता होगा। यह प्रसन्नता ही है जो लोगों की समृद्धि और मानव समाज के विकास के लिए प्रमुख है। आज मेरे लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहट को देखते हुए मैं अपने3 एच के मॉडल में एक और एच अर्थात प्रसन्न्ता जोड़ना चाहूंगा। अब से हमारी स्मार्ट राष्ट्रपति संपदा चार एच वाली मुख्य विषय अर्थात मानवीय,उच्च तकनीकी, विरासत और प्रसन्न टाउनशिप के इर्द-गिर्द पर काम करेगी।

देवियो और सज्जनो,

6.भारत ने वर्षों से विकास का एक विशेष स्तर प्राप्त किया है और वही विश्व के बहुत से भागों ने भी। उनमें से कई हमसे अधिक तेज चले हैं। वे शहरी शासन के अनेक क्षेत्रों में हमसे आगे बढ़े हैं। जब हम भारतीय जीवन स्तर,अवसंरचना और अन्य मूल सेवाओं के द्वारा चुनौति का सामना करते हैं,समान्यतः हमारी यह कोशिश होती है कि यह हम ब्यौरा दें देश और इसकी आबादी के आकार को देखते हुए यह मुश्किल है। हमें ऐसे बहानों से बचना चाहिए और आकार,अनेकता, जटिलताओं और अन्य अवरोधों के होते हुए अपने लिए समाधान ढूढने चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि छोटे बल्डिंग ब्लॉक्स जैसे कि गांव और कस्बे अंततः शहरी स्थानों में परिवर्तित हो जाते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे शहर बन जाते हैं।

7.हम गांव और शहरों में बदलाव ला सकते हैं। मुझे विश्वास है हम पूरे देश को बदल सकते हैं। मैं स्मार्ट राष्ट्रपति संपदा को एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में देखता हूं जिसे नागरिकों की संलग्नता,सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की भागीदारी और गहन प्रौद्योगिकी के नियोजन के द्वारा देश के अन्य भागों में अपनाया जा सकता है। इस संदर्भ में मैं यह उल्लेख करना चाहूंगा कि हम स्मार्ट टाउनशिप के हमारे राष्ट्रपति भवन के अनुभव को पांच संलग्न राज्यों के ग्रामों में हमारे ज्ञान और विशेषता को प्रयोग करके और अंतरण करके,इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं। हम अभिसारिता मॉडल का अनुकरण करके इन ग्रामों को माडल स्मार्ट ग्रामों में बदल सकते हैं। हम विशिष्ट निकायों,प्रशासनिक अभिकरणों और संबद्ध राज्य/जिला स्तर संगठनों में संबंद्धता स्थापित करके उन्हें सुविधा प्रदान कर सकते हैं। इससे अलग-अलग भागीदारों की विशेषता का लाभ लेकर ग्राम स्तर पर विभिन्न समस्याओं के अपूर्व समाधान में सहायता मिलेगी।

देवियो और सज्जनो,

8.किसी भी शासन परियोजना की सफलता के लिए नागरिकों और अन्य भागीदारों की संलग्नता महत्वपूर्ण है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि राष्ट्रपति की सचिव ने स्मार्ट राष्ट्रपति संपदा को एक गतिशील और समेकित प्लेटफॉर्म के रूप में रखने के लिए कुछ पुस्कारों के आरंभ की घोषणा की है। सचिवालय के अंतर्गत अलग-अलग विभागों के निष्पादन को जांचने के लिए औसत निष्पादन के मानक से प्रेरणादायक प्रकरण में सहायता मिलेगी। शहरी शासन में यह दृष्टिकोण,जहां भागीदार के सार्वजनिक हित के लिए उनके योगदान के लिए भागीदारों की पहचान की जाती है,ध्यान देने योग्य है।

9.विश्व में शहरों में अच्छा कार्य हो रहा है जिसे पहचान योग्य मानकों जैसे आवास,आय,समुदाय, शिक्षा,पर्यावरण, स्वास्थ्य,कार्य, सुरक्षा और नागरिक संलग्नता के आधार पर मापा जा सकता है। भारत में गांव और ब्लॉक्स के विकास को मॉनीटर करने के लिए,स्पर्द्धा पैदा करने के लिए और नागरिकों में भागीदारी जगाने के लिए पूर्व निश्चित मानकों पर गांवों और कार्यपालिका निकायों के लिए रैंकिग विकास की आवश्यकता है।

10.शासन में प्राकृतिक संसाधनों की कमी और प्रशिक्षित और कौशल जनशक्ति का अभाव चुनौतिपूर्ण हैं। इस पृथ्वी पर समाज की आवश्यकताओं को समग्र रूप से पूरा करने के लिए बहुत कुछ है परंतु आवश्यकता से अधिक शोषण और लालच से विनाश और तबाही की स्थिति बन जाती है। इस संदर्भ में संसाधनों के अधिकतम उपयोग और प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी एक सशक्त कारक है। मुझे खुशी है कि मॉनिटरिंग,शिक्षा, बेहतर समन्वय और प्रबंधन के द्वारा राष्ट्रपति संपदा प्रौद्योगिकी समाधान वास्तविकता में परिणत होगा। इससे पहले से अधिक वसूली हो सकेगी।

देवियो और सज्जनो,

11.सरकार ने डिजीटल इंडिया,स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत कार्यक्रम आरंभ किए हैं। इन कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से प्रकृति में परिवर्तन हो रहा है और उनके सफल परिणामों से देश के शासन क्षेत्र में बदलाव आएगा। आज मैं भारत के नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे सभी संभव तरीकों से इन कार्यक्रमों में रचनात्मक योगदान देकर अपने को देश और समाज के हित में लगाएं।

12.मैं एक बार फिर श्रीमती वनीथा नारायणन के नेतृत्व में टीम आईबीएम और श्रीमती ओमिता पॉल के नेतृत्व में टीम राष्ट्रपति भवन को संपदा समुदाय की समृद्धि के लिए इस महत्वपूर्ण परियोजना के समयबद्ध रूप से कार्यान्वयन के लिए बधाई देता हूं। मैं विशेष रूप से ऊर्जा, जल,अवशिष्ट पदार्थों, बागवानी,पीएनजी के उन प्रमुखों की सराहना करता हूं जो अपनी टीम सहित परिवर्तन को ऐच्छिक रूप से अपना रहे हैं और उस परिवर्तन का हिस्सा बन रहे हैं जिसे वे देखना चाहते हैं। इन प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं और बधाई।

धन्यवाद।

जय हिन्द।

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