फिनलैंड की संसद को भारत के माननीय राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का संबोधन

हेलसिंकी, फिनलैंड : 16.10.2014

spफिनलैंड की संसद के महामहिम अध्यक्ष श्री एरो हैनालुओमा,

माननीय उपाध्यक्ष श्री पेक्का रवि और श्री एन्सी जाउसेनलाती,

फिनलैंड की संसद के माननीय सदस्यगण,

विशिष्ट देवियो और सज्जनो,

मैं, मेरे स्वागत के सम्मानपूर्ण शब्दों के लिए आपका धन्यवाद करता हूं।

यहां उपस्थित होना तथा जनता के इस गरिमामयी और ऐतिहासिक सदन को संबोधित करना मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है।

मैं एडुसकुंटा के सभी माननीय सदस्यों और आपके माध्यम से फिनलैंड की जनता को भारत गणराज्य की जनता की ओर से हार्दिक बधाई देता हूं।

उचित आयु के सभी नागरिकों को धन,नस्ल अथवा सामाजिक वर्ग का भेदभाव किए बिना,मतदान तथा चुनाव लड़ने का अधिकार देने वाले प्रथम देश के रूप में आप एक आदर्श लोकतंत्र हैं। यह सर्वविदित है कि विश्व में फिनिश महिलाओं को सबसे पहले चुनाव लड़ने तथा मतदान के अधिकार सहित पूर्ण राजनीतिक अधिकार प्राप्त हुए थे। जिसके परिणामस्वरूप,बहुत पहले 1907 में महिलाओं का प्रथम समूह आपकी संसद के लिए निर्वाचित हुआ था।

महामहिम,

एक अन्य कारण है जिसकी वजह से यहां मुझे अपनापन महसूस होता है। चार दशक से ज्यादा समय तक भारतीय संसद की बहसों और कार्यकलापों में भाग लेने के बाद मुझे विश्व की अन्य महान संसदों की यात्रा करके बहुत प्रसन्नता होती है।

मुझे, भारत सरकार के भारी उद्योग और लोक उद्यम राज्य मंत्री,श्री पी. राधाकृष्णन तथा श्री राजीव शुक्ला, श्री अनंत कुमार दत्तात्रेय हेगड़े,डॉ. किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी तथा श्री बाबुल सुप्रियो बराल सहित भारतीय संसद के दोनों सदनों के माननीय सांसदों के शिष्टमंडल के मेरे साथ आने पर आज विशेष प्रसन्नता हो रही है।

मेरे साथ आए माननीय सदस्य विभिन्न राजनीतिक दलों, प्रदेशों, भारतीय समाज के विभिन्न जातीय समूहों तथा वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारी संसद भारत का सूक्ष्म रूप है तथा यह हर नजर से भारतीय जनता की एकता,शक्ति और विविधता की प्रतीक है। जैसा कि आपको विदित है, भारत में हाल के चुनाव वर्तमान इतिहास में मताधिकार की विशालतम लोकतांत्रिक प्रक्रिया रही - हमारे यहां रिकॉर्ड मतदान हुआ तथा परिणाम भी उतने ही ऐतिहासिक रहे।30 वर्षों में पहली बार भारतीय मतदाताओं ने बहुमत वाली सरकार के लिए मतदान किया।

महामहिम, एडुसकुंटा के माननीय सदस्यगण,

मेरी राजकीय यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हमारी दोनों सरकारों और जनता के बीच संबंध सबसे बेहतरीन हैं। भारत और फिनलैंड के बीच सदैव सशक्त बहुदलीय लोकतंत्र,मुक्त समाजों, कानून का शासन, मुक्त प्रेस तथा न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आधारित घनिष्ठ और हार्दिक संबंध रहे हैं। हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की1957 की फिनलैंड की यात्रा के बाद से, हमने राजनीतिक और सरकारी दोनों स्तरों पर नियमित संपर्क और आदान-प्रदान की परंपरा जारी रखी है। इससे हमारी सरकारों और जनता के बीच आपसी समझ-बूझ को बढ़ाने में योगदान मिला है।

अनेक वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर हमारे दृष्टिकोण समान हैं। भारत विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी को समर्थन देने के लिए फिनलैंड की सराहना करता है।

हम आतंकवाद से मुकाबले, जलवायु परिवर्तन के प्रभाव में कमी तथा सतत् विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति जैसे तात्कालिक मुद्दों सहित,साझे हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए शांतिप्रिय राष्ट्रों के साथ मिलकर कार्य करने के लिए कटिबद्ध हैं। भारत बहुपक्षीय मंचों पर फिनलैंड के निरंतर सहयोग के प्रति आश्वस्त है।

भारत को आर्कटिक परिषद में प्रेक्षक बनकर खुशी हुई है। हम सदस्य राष्ट्रों और स्थायी सहभागियों के साथ इसके संबंध को और घनिष्ठ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत आर्कटिक परिषद के कार्यों को मजबूती प्रदान करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण ध्रुवीय अनुसंधान क्षमताओं और वैज्ञानिक जानकारियों को उपलब्ध कराता रहेगा।

भारत में हम द्विपक्षीय स्तर पर,साझे हित और अनुपूरकताओं के विशिष्ट क्षेत्रों में फिनलैंड के साथ अपने निरंतर सहयोग को प्रगाढ़ करने की अपेक्षा रखते हैं। वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद हमारे आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों विशेषकर तेल और गैस, पोत-परिवहन और सामुद्रिक उद्योगों, नवीकरणीय ऊर्जा तथा सूचना प्रौद्योगिकी सेवा जैसे क्षेत्रों में काफी प्रगति हुई है। हमारा दो तरफा व्यापार एक बिलियन यूरो सीमा को पार कर गया है। परंतु यह हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच मौजूद द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्य की वास्तविक क्षमताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता है। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में आर्थिक, भू-राजनीतिक,सामाजिक और सांस्कृतिक सभी क्षेत्रों में हमारे दोनों देशों के बीच संबंध और अधिक बढ़ेंगे। हमारी सरकार की नोर्डिक क्षेत्र के साथ और घनिष्ठता से जुड़ने की स्पष्ट आकांक्षा को,मेरे शिष्टमंडल के सदस्यों से,जिसमें विख्यात शिक्षाविद,वैज्ञानिक और व्यापारी शामिल हैं के माध्यम से, बेहतर ढंग से देखा जा सकता है। हमें इन सभी क्षेत्रों में नए उत्साह के साथ आगे बढ़ने की उम्मीद है।

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी,ऊर्जा,पोतनिर्माण, विनिर्माण,जैव-प्रौद्योगिकी,पर्यावरण, स्वास्थ्य देखभाल तथा ढांचागत सेवा जैसे क्षेत्रों में फिनलैंड की प्रौद्योगिकी विश्व की सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों में से है। भारत इन क्षेत्रों में आपकी विशेषज्ञता से लाभ उठाना चाहेगा।

भारत की नई सरकार विकास और रोजगार के अवसरों के सृजन पर बल दे रही है। वह निवेश को बढ़ावा देने,भारत के विनिर्माण क्षेत्र के पुन: उत्थान, कौशल विकास को बढ़ावा देने, स्मार्ट शहरों के विकास, सामाजिक मुद्दों के समाधान तथा इन क्षेत्रों में साझीदारों के साथ घनिष्ठता से जुड़ने की दिशा में कदम उठा रही है। व्यापारिक माहौल सकारात्मक और सशक्त है;यह भारत में अवसरों का समय है। लगभग 100 फिनिश कंपनियों ने पर्यावरण और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत में एक बिलियन से ज्यादा यूरो निवेश किए हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विशेषकर जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारा द्विपक्षीय सहयोग अत्यंत सफल रहा है। फिनलैंड आगे बढ़कर ‘भारत में निर्माण’अभियान से लाभ उठा सकता है,जिसका उद्देश्य अनेक सकारात्मक नीतिगत पहलों के जरिए भारत को विश्व विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

महामहिम, भारत एक युवा राष्ट्र है जिसकी 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। उनका कौशल बढ़ाना हमारी उच्च प्राथमिकता है। मुझे खुशी है कि इस यात्रा के दौरान,हमारे प्रमुख शैक्षिक संस्थानों तथा फिनिश विश्वविद्यालयों के बीच अनेक समझौता ज्ञापनों और करारों पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं,इससे इस दिशा में भारत के प्रयासों में योगदान मिलेगा।

भारत, हमारी जनता के बीच आदान-प्रदान में तेजी लाने के लिए बहुत उत्सुक है। हमारे सांसद और भारत-फिनलैंड संसदीय मैत्री समूह,इस प्रक्रिया में एक माध्यम की भूमिका निभा सकते हैं और उन्हें निभानी होगी। इस संदर्भ में,आपको यह जानकर खुशी होगी कि भारत ने फिनलैंड को उन देशों में शामिल किया है जिसके नागरिकों को आगमन पर पर्यटक वीजा दिया जा सकता है। दिल्ली और मुंबई के लिए फिन एयर की सीधी दैनिक उड़ानों से हमारे पर्यटन और व्यवसायिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।

महामहिम, मैं आशान्वित और आश्वस्त हूं कि हमारी सरकारों और जनता के बीच विश्वास और सार्थक सहयोग आने वाले वर्षों में हमारे परस्पर लाभ को और सशक्त करेगा।

मैं, एक बार पुन: इस सदन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किए जाने के लिए आपको धन्यवाद देता हूं। मैं,हमारे देश और इसकी जनता को जानने के लिए आपको और आपके विशिष्ट सांसदों को भारत की यात्रा के लिए निमंत्रण देना चाहूंगा।

मै आपको और संसद के माननीय सदस्यों को,फिनलैंड की जनता के लिए आपके प्रयासों के सफल होने के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

धन्यवाद।

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