लाइबेरिया गणराज्य की राष्ट्रपति महामान्या मादाम एलन जॉनसन सरलीफ के सम्मान में आयोजित राज-भोज के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 11.09.2013
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देवियो और सज्जनो,
1. मुझे भारत की प्रथम राजकीय यात्रा पर महामान्या राष्ट्रपति एलन जॉनसन सरलीफ और आपके शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।
2. मादाम राष्ट्रपति, आज आपका स्वागत करना हमारे लिए वास्तव में सम्मान की बात है। आप अफ्रीका की प्रथम निर्वाचित महिला राष्ट्रपति और महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं तथा यद्यपि आपको ‘लौह महिला’ के रूप में जाना जाता है परंतु आप लाइबेरिया में उम्मीद, आशा और परिवर्तन की दूत रही हैं।
3. 2006 में प्रथम बार राष्ट्रपति पद पर ऐतिहासिक निर्वाचन के बाद से, आप लाइबेरिया में स्वतंत्रता, लोकतंत्र और शांति की अपनी संकल्पना को साकार करने के मिशन पर लगी रही हैं। आपने शिक्षा के प्रसार, मानसिकता में परिवर्तन तथा एक नई सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए अथक परिश्रम किया है। आपकी सरकार ने व्यापक सुधार आरंभ किए और कार्यान्वित किए हैं। आपने लैंगिक समानता के प्रोत्साहन देने तथा निर्णय की प्रक्रियाओं में समान सहभागिता के अधिकार सहित, लाइबेरिया की महिलाओं के सशक्तीकरण को एक प्राथमिकता बना लिया है। आपने अपने देश के संसाधनों को-जो ईश्वर ने आपको प्रचुर मात्रा में प्रदान किए हैं - अपनी जनता के हित के लिए प्रयोग किया है। आपके दृढ़ संकल्प और प्रेरणादायी नेतृत्व ने लाइबेरिया को अवसरों का देश बना दिया है। आपने वास्तव में, लाइबेरिया की दिशा को प्रभावशाली रूप से बदल दिया और आप आज एक ऐसा प्रकाशस्तंभ, महिला नेतृत्व का उदाहरण बन गई हैं जो न केवल अफ्रीका, बल्कि विश्वभर के समुदायों और राष्ट्रों को प्रेरित करेगा।
4. मादाम राष्ट्रपति, भारत की आपकी यात्रा हमारे लिए भारत और अफ्रीकी देशों के बीच सदियों पुराने संबंधों पर गौरवान्वित होने का अवसर है। हमने एक साथ विकास किया है तथा हमने मैत्री और सहयोग के चिरस्थायी रिश्तों को एक अत्यंत व्यापक साझीदारी का रूप दिया है। आज हम व्यापार और निवेश से प्रौद्योगिकी अंतरण, ज्ञान के आदान-प्रदान और कौशल की ओर बढ़ गए हैं। भारत अफ्रीका साझीदारी फिर से सशक्त हो गई है और भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन प्रक्रिया के अंतर्गत अग्रसर रहते हुए यह निरंतर नए आयाम ग्रहण करती जा रही है। महामान्या, हम अफ्रीका को आज एक ऐसे महाद्वीप के रूप में देखते हैं जो स्वतंत्रता, आशावाद और इसकी जनता की अपनी शक्ति में विश्वास की ताकत से आलोकित है। अपने पूर्वजों के ज्ञान द्वारा निर्देशित, अपनी युवा पीढ़ियों की ऊर्जा द्वारा उत्साहित, अपनी समृद्ध विविधता तथा प्राकृतिक संसाधनों द्वारा पोषित तथा अपने सम्मुख विशाल क्षितिज द्वारा प्रेरित अफ्रीकियों के लिए प्रगति और समृद्धि प्राप्त करने के असिमित अवसर हैं। आज यह महाद्वीप एक दहलीज पर खड़ा है, सतत विकास के पथ पर अग्रसर है और विश्व स्तर पर एक निर्णयकारी भूमिका निभाने के लिए तत्पर है।
5. महामान्या, इस संदर्भ में, हम मानते हैं कि भारत का अपना अनुभव, क्योंकि हम औपनिवेशिक शासन से बाहर आए हैं, लाइबेरिया के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रासंगिक हो सकता है। क्योंकि जैसे-जैसे आप अपनी प्राथमिकताएं और विकल्प चुनेंगी तथा उन्नति और विकास के अपने स्वतंत्रत पथ पर आगे बढ़ेंगी, लाइबेरिया के साथ हमारी विकास साझीदारी आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप होगी। हमारी वर्तमान द्विपक्षीय बातचीत में, हम क्षमता निर्माण, मानव संसाधन विकास, संस्थानों की स्थापना तथा सामाजिक और भौतिक अवसंरचना के विकास में सहायता पर उचित ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम लाइबेरिया के साथ अपने कार्य तथा हर तरह की मदद करने के लिए अपनी विशेषताओं के प्रयोग के प्रति वचनबद्ध हैं।
6. महामान्या, वास्तव में आपकी यात्रा हमारी दोनों सरकारों के लिए ऐसे नए कार्यक्रमों और पहलों की पहचान करने और उन पर सहमत होने का अवसर प्रदान करती है, जिससे हमारे देशवासी सहयोग कार्यक्रमों और साझीदारियों के द्वारा और निकट आएंगे। महामान्या, आपने एक बार कहा था कि ‘‘हमारे लोगों में अदम्य साहस और धैर्य है, परंतु उनकी उम्मीदें बड़ी हैं।’’ मुझे विश्वास है कि जैसे-जैसे आप लाइबेरिया को एक उज्ज्वल और आशावादी भविष्य की ओर ले जाएंगी, हमारा बढ़ा हुआ सहयोग एक अत्यंत सफल और चिरस्थाई साझीदारी में बदल जाएगा।
7. महामान्या, आप कल वर्ष 2012 का इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार प्राप्त करेंगी। यह पुरस्कार आपके देश और आपके नागरिकों के प्रति आपके असाधारण समर्पण का उपयुक्त सम्मान है। सुशासन और जवाबदेही के सिद्धांतों से ओत-प्रोत आपकी उल्लेखनीय दूरदृष्टि और नेतृत्व से नि:संदेह लाइबेरिया में परिवर्तनकारी आर्थिक प्रगति और विकास आएगा और कायम रहेगा। मैं आपके एक कथन से बहुत प्रभावित हुआ तथा मैं इसे उद्धृत करना चाहूंगा ‘चाहे आप अकेले पड़ जाएं, परंतु अन्याय की निंदा करने से न डरें। चाहे आपकी आवाज धीमी हो परंतु शांति हासिल करने से न डरें।’ आपके शब्द और आपके अध्यवसाय की सफलता मुझे महात्मा गांधी के इन शब्दों की याद दिलाते हैं। उन्होंने कहा था, ‘अपने उद्देश्य के प्रति दृढ़ आस्था से प्रेरित थोड़े से दृढ़ संकल्प लोग इतिहास का रुख बदल सकते हैं।’
8. महामान्या, मुझे उम्मीद है कि आपकी भारत यात्रा आपके लिए आनंददायक तथा संतुष्टिपूर्ण रही है। हम दिल्ली में आपके सुखद प्रवास की कामना करते हैं। मैं आने वाले वर्षों के दौरान हमारे परस्पर सहयोग के प्रति आशान्वित हूं।
देवियो और सज्जनो, आइए हम सब मिलकर:
-महामान्या राष्ट्रपति, एलन जॉनसन सरलीफ के स्वास्थ्य, खुशहाली और कुशलता:
-लाइबेरिया की जनता के कल्याण और समृद्धि:
-भारत और लाइबेरिया के बीच स्थाई मैत्री, की कामना करें।