किनिया गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति, श्री उहरू केन्यत्ता के सम्मान में आयोजित राजभोज में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली : 11.01.2017
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महामहिम राष्ट्रपति उहुरू केन्यत्ता,
किनिया के माननीय मंत्रीगण,
विशिष्ट अतिथिगण,
नमस्कार!
हबारी या जियोनी!
राष्ट्रपति महोदय,
भारत में आपका स्वागत करते हुए हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है।
अधिक समय पहले नहीं,गत वर्ष अक्तूबर में जब आपने भारत द्वारा आयोजित तृतीय भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन में भाग लिया था तो मुझे राष्ट्रपति भवन में आपका स्वागत करके प्रसन्नता हुई थी।
इस वर्ष भारत की आपकी राजकीय यात्रा फरवरी, 1981 के बाद किनिया की ओर से प्रथम राजकीय यात्रा है जो हमारे द्विपक्षीय सहयोग की नई गति को दर्शाती है।
विगत जुलाई में माननीय प्रधानमंत्री,श्री नरेन्द्र मोदी की किनिया की राजकीय यात्रा के दौरान घोषित पहल तथा आपकी वर्तमान यात्रा से हमारा चिरस्थायी अपनत्व सुदृढ़ होगा और साझे हित के विविध क्षेत्रों में हमारे संबंध घनिष्ठ बनेंगे।
महामहिम,
आपने जीवंत राज्य गुजरात के विख्यात आतिथ्य का आनंद लिया है। वास्तव में,इस ‘पश्चिमी भारत के आभूषण’के उद्यमशील लोग आपसे अपरिचित नहीं है। सदियों के दौरान,किनिया के मुहिंदी हमारे दोनों देशों के बीच एक सेतु रहे हैं और आज वे आपके समाज के उतने ही बड़े हिस्से हैं जितनी आपकी अपनी जनजाति: उनका किनिया की43वीं जनजाति के रूप में भी उल्लेख किया जाता है। किनिया अर्थव्यवस्था के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी आपके महान देश के प्रति उनकी निष्ठा का प्रमाण है।
महामहिम
किनिया के संस्थापक राष्ट्रपति जी जोमो केन्यत्ता भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं के एक सम्मानित मित्र थे। किनिया के विख्यात कपेनगुरिया मुकदमे के दौरान,स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री,श्री जवाहरलाल नेहरू ने न्यायालय में जी जोमो केन्यत्ता के प्रतिनिधित्व और उनके बचाव के लिए प्रसिद्ध वकील दीवान चमन लाल को भेजा था। वर्षों से यह परस्पर सम्मान और सद्भावना घनिष्ठ हुई है और एक प्रगाढ़ संबंध में विकसित हुई है। हमने अपने संबंध के प्रत्येक क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है। आज,भारत किनिया का एक अग्रणी व्यापार साझीदार है तथा दूसरा विशालतम विदेशी निवेशक है। किनिया में चालीस से अधिक प्रमुख भारतीय कंपनियों की उपस्थिति हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं की संपूरकता की प्रमाण है। भारत उन अवसरों की खोज के लिए किनिया के कारोबार घरानों का स्वागत करता है जो हमारी अग्रणी योजनाएं साझीदारियों और हमारे देश में निवेश की पेशकश कर रही हैं।
महामहिम,
आपके दूरदर्शी नेतृत्व में,किनिया पूर्वी अफ्रीका की एक सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत,किनिया के साथ अपनी विकासात्मक साझीदारी के प्रति वचनबद्ध है। यह वित्तीय,वाणिज्यिक, पर्यटन और परिवहन सेवाओं के केंद्र के रूप में स्थापित हो गया है। भारत का तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम तथा भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के अंतर्गत हमारी प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति पहलों से बहुत से युवा किनियाई लाभान्वित हुए हैं। भारत मानव संसाधन विकास और क्षमता निर्माण में किनिया की सहायता करने के लिए तत्पर हैं।
इस सायं हमारे विचार-विमर्श में,हमने विकसित हो रहे हमारी जनता के परस्पर संपर्क पर संतोष की भावना व्यक्त की। इस वर्ष किनिया आने वाले भारतीयों की संख्या तीसरे स्थान पर थी। हिन्द महासागर पर आपके सुंदर देश के नैसर्गिक समुद्र तट और प्रसिद्ध वन्य जीव अभ्यारण्य सदैव प्रमुख आकर्षण रहे हैं। इसके अतिरिक्त, किनियावासी कारोबार,शिक्षा, चिकित्सा उपचार और पर्यटन के लिए भारत को पसंद करते हैं। भारत ने हाल ही में किनिया में प्रथम भारत महोत्सव‘उराफिकी उत्सव’आयोजित किया था है जिसका अत्यंत स्वागत किया गया। हम भारत में किनिया महोत्सव आयोजित करने की आशा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि‘उगाली’और ‘सुकुमा’विकी जैसे किनियाई व्यंजन अतिशीघ्र भारत में भी लोकप्रिय हो जाएंगे।
महामहिम, इन्हीं कारणों से भारत मानता है कि दो पुराने मित्रों और युवा जनसंख्या वाले विकासशील राष्ट्रों के रूप में,हम अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।
21वीं शताब्दी में,भारत हमारी अपनी-अपनी जनता की बहुत सी साझी आकांक्षाओं को पूरा करने तथा विश्व शांति और स्थिरता में योगदान करने के लिए किनिया के साथ मिलकर कार्य करने की उम्मीद करता है। मैंने एक स्वाहिली उक्ति—शिकामना कामा पेटे ना किडोले, सीखी है जिसका अर्थ है,हमें अंगुली और मुद्रा की भांति जुड़ा होना चाहिए। यह प्राचीन उक्ति हमारे संयुक्त प्रयासों को प्रेरित करे।
राष्ट्रपति महोदय,इन्हीं शब्दों के साथ, मैं आपका और आपके महत्त्वपूर्ण शिष्टमंडल को भारत की अत्यंत सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
देवियो और सज्जनो,आइए हम सब मिलकर:
- किनिया के महामहिम राष्ट्रपति,उहुरू केन्यत्ता के स्वास्थ्य और सफलता;
- हिंद महासागर के हमारे पड़ोसी किनिया की जनता की प्रगति और समृद्धि;तथा
- भारत और किनिया की चिरस्थायी मैत्री की कामना करें।
धन्यवाद।