आर्मर्ड कार्प्स सेंटर एंड स्कूल अहमदनगर में समारोहिक परेड में स्टैंडर्ड प्रदान करते हुए भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
महाराष्ट्र : 15.04.2017
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देवियो और सज्जनो,
2.सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर के रूप में अहमदनगर में आज इस शुभ और अविस्मरणीय दिवस पर उपस्थित होना मेरे लिए सचमुच एक आनंददायक अवसर है।
3. मैं आर्मर्ड कार्प्स सेंटर और स्कूल के बहादुर व्यक्तियों को उनके सुंदर और सटीक प्रदर्शन और परेड में उत्कृष्ट परिशुद्धता जो उन्होंने आज दिखाई है,के लिए बधाई देता हूं। इस विशिष्ट स्थापना का एक शानदार विगत और आर्मर्ड कार्प्स,भारतीय सेना और मित्र विदेशी देशों के व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने में व्यवसायिकता और उत्कृष्टता की समृद्ध परंपरा है।1948में इसके आरंभ से आर्मर्ड कार्प्स सेंटर और स्कूल में स्वयं को देश की सेवा में विशिष्टता प्राप्त कराई है। इसके निःस्वार्थ एकाग्रता,व्यवसायिकता एवं सेवा में समर्पण की पहचान करते हुए राष्ट्र आज इनके प्रति गहरा आभार और सराहना प्रकट करते हुए इनको सम्मान देता है।
4.विशिष्ट अतिथिगण,देवियो और सज्जनो, कोई भी देश अपने राष्ट्रीय सत्ता के घटकों से ताकत ग्रहण करता है,और सशस्त्र बल की क्षमताएं राष्ट्रीय शक्ति का प्रमुख स्रोत हैं। यद्यपि हम शांतिप्रिय देश हैं,हम अपनी संप्रभुता को बचाने के लिए राष्ट्रीय शक्ति के सभी यंत्रों का इस्तेमाल करेंगे। मुझे विश्वास है कि हमारे बहादुर सिपाही मौके पर खड़े हो जाएंगे जैसा कि उन्होंने चुनौतियों को पूरा करने और विजेता के रूप में उभरने के लिए विगत में किया है।
5.आर्मर्ड कार्प्स सेंटर एंड स्कूल में राष्ट्र और आर्मर्ड कार्प्स की शानदार सेवा के69 वर्ष पूरे कर लिए हैं। आमर्ड कार्प्स के नायक जिन्हें हम जोजिला पास,खेमकरण, असल उत्तर,चविंदा आदि युद्धों में पढ़ते हैं,सभी ने अपना मूल और अग्रणी प्रशिक्षण इन्हीं शानदार प्रतिष्ठानों से प्राप्त किया है। एक प्रसिद्ध कहावत है कि, ‘मशीन के पीछे आदमी है जिसका सर्वाधिक महत्व है’,और यह बार-बार भारत द्वारा लड़े गए युद्धों में साबित हुआ कि हमारे टैंक सिपाहियों के बेहतर प्रशिक्षण से हमारे दुशमनों के परिष्कृत टैंकों में ध्वस्त कर दिया। यह विजय हमारी नहीं हो पाती यदि आर्मर्ड कार्प्स सेंटर एंड स्कूल के समर्पित व्यक्ति जो लड़कों को टैंक सिपाही बनाते हैं पूर्ण समर्पण और इमानदारी से प्रशिक्षण न देते। आमर्ड कार्प्स सेंटर एंड स्कूल के व्यक्तियों के अथक और कठिन परिश्रम से ही भारतीय सेना को दी जाने वाली प्रशिक्षण की गुणवत्ता में गठन को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस समझा जाता है। मैं इस अवसर पर आर्मर्ड कार्प्स के उन बहादुर सिपाहियों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने देश की सेवा में उच्च बलिदान दिया। परेड ग्राउंड से कुछ दूरी पर मैजेस्टिक वार मेमोरियल इन बहादुर सिपाहियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि का मूक प्रमाण है।
6.घुड़सवार सेना ने विकास किया है और इसी प्रकार हमारे घुड़सवारों ने भी। ईश्वर करे कि आपकी तलवारें हमेशा तेज धार वाली रहें और आपका मनोबल आकाश के समान ऊंचा हो। दर्शकों से इसके उत्कृट निष्पादन के ज्ञापन और पहचान में,मैं आर्मर्ड एंड कार्प्स सेंटर एंड स्कूल को स्टैंडर्ड प्रदान करते हुए प्रसन्न हूं। मुझे विश्वास है कि सेंटर एंड स्कूल व्यवसायिक उत्साह के साथ उत्कृष्टता के लिए संघर्ष करता रहेगा और आगामी वर्षों में देश की सेवा करता रहेगा। मैं इस अवसर पर आर्मर्ड कार्प्स सेंटर एंड स्कूल, भूतपूर्व और वर्तमान के व्यक्तियों और परिवारों को भी बधाई देता हूं। मैं आपके लिए एक उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।