भारत की राष्ट्रपति दिल्ली विश्वविद्यालय के 99वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 25.02.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 25 फरवरी, 2023 को दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय के 99वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह कहा जा सकता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय भारत की समृद्धि और विविधता को दर्शाता है। यह भी कहा जा सकता है कि भारत और विदेशों में हर उत्कृष्ट क्षेत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय का हिस्सा है। हालाँकि किसी भी संस्थान को अपनी कुछ उपलब्धियों पर ही नहीं रुक जाना चाहिए। आज तेजी से परिवर्तित हो रहे विश्व में, एक संस्थान को लगातार परिवर्तन करने पड़ते हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता के मापदंडों पर देश के अन्य विश्वविद्यालयों का प्रतिबद्धता से नेतृत्व करना चाहिए और विश्व स्तरीय उच्च शिक्षा संस्थानों में स्थान बनाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम सभी भाषाओं और संस्कृतियों का आदर करें, स्वागत करें, लेकिन अपनी जड़ों से हमेशा जुड़े रहें। जड़ों से ही संजीवनी और सृजनशीलता मिलती है। उन्होंने युवाओं से पूरे विश्व में उपलब्ध उत्कृष्ट ज्ञान-विज्ञान को अपनाने के गांधीजी के सुझाव का पालन करने के लिए कहा।
छात्रों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि वह अपने छोटे से गांव से शहर जाकर पढ़ने वाली अपने गांव की पहली लड़की थी। आप सब के सहपाठियों में भी ऐसे कई विद्यार्थी होंगे जिनके परिवार या गांव से, उनसे पहले कोई विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाया होगा। ऐसे विद्यार्थी बहुत प्रतिभावान और संघर्षशील होते हैं। वे बड़े उत्साह के साथ अपने सपनों को पूरा करने के लिए यहां आते हैं। कभी-कभी ऐसी स्थितियां उत्पन्न की जाती हैं, जिनके कारण ऐसे विद्यार्थियों में हीन-भावना घर कर जाती है। किसी भी संवेदनशील समाज में ऐसा नहीं होना चाहिए। विश्वविद्यालय में आने वाले ऐसे प्रथम पीढ़ी के विद्यार्थियों को सम्मान और प्रोत्साहन देना सभी अध्यापकों और छात्रों का दायित्व है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमें कुछ बुनियादी सवालों पर ध्यान देना चाहिए जैसे कि लड़कियों के लिए स्वच्छ शौचालय की उपलब्धता, विश्व स्तरीय प्रयोगशालाएं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और दिव्यांग-जनों की विशेष आवश्यकताएं।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकास और सभ्यता की उपभोक्तावादी अवधारणा के कारण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की चुनौतियां और अधिक विकराल रूप ले रही हैं। हमारी पिछली पीढ़ियों ने कई अच्छे कार्य भी किए हैं लेकिन उनसे कुछ गलतियां भी हुई हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी से अच्छाइयों को आगे बढ़ाने और गलतियों को दूर करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य बेहतर इंसान बनाना है। जीवन में ‘बड़ा बनना’ अच्छी बात है। लेकिन‘अच्छा होना’ इससे भी बड़ी बात है। इसी तरह, विज्ञान के माध्यम से मंगल पर जीवन की खोज करना अच्छी बात है। लेकिन अच्छी सोच के साथ जीवन में मंगल की खोज करना और भी बड़ी बात है। उन्होंने छात्रों से नए भारत और नए विश्व के निर्माण के लिए नए सपने देखने और बड़े सपने देखने के लिए भी कहा।