भारत की राष्ट्रपति भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के 19वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 24.04.2023
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 24 अप्रैल, 2023 को करनाल, हरियाणा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर-एनडीआरआई) के 19वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि डेयरी उद्योग हमारे देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डेयरी क्षेत्र का देश की जीडीपी में भी लगभग 5 प्रतिशत का योगदान है और भारत के लगभग 8 करोड़ परिवारों को आजीविका प्रदान करता है। इसलिए, एनडीआरआई जैसे संस्थानों को देश के समावेशी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गाय और अन्य पशुधन भारतीय समाज और परंपराओं का अभिन्न अंग रहे हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एनडीआरआई द्वारा अधिक दूध देने वाली भैंसों और गायों के क्लोन का उत्पादन करने की तकनीक विकसित की गई है। उन्होंने कहा कि इससे पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि दूध और दूध से जुड़े उत्पाद हमेशा से भारतीय खान-पान और संस्कृति का अटूट हिस्सा रहे हैं। भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। लेकिन, हम दूध उत्पादों की बढ़ती मांग की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा डेयरी क्षेत्र पशुओं के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले चारे का प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव तथा पशुओं की बीमारियां - इन सभी समस्याओं से डेयरी सेक्टर जूझ रहा है। दूध उत्पादन और डेयरी फार्मिंग को स्थायी बनाना हमारे समक्ष एक चुनौती है। पशु कल्याण को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के अनुकूल और जलवायु-स्मार्ट तकनीकों को अपनाकर डेयरी उद्योग का विकास करना हम सभी का दायित्व है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एनडीआरआई डेयरी फार्मों से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए विभिन्न तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है। इसके साथ ही एनडीआरआई बायोगैस उत्पादन जैसी क्लीन एनर्जी पर भी बल दे रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत में डेयरी उद्योग के प्रबंधन में नारी-शक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में यह क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसलिए, उन्हें शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास में अधिक अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है। डेयरी क्षेत्र में उद्यम स्थापित करने के लिए महिलाओं को आसान ऋण और बाजार तक पहुंच की सुविधा होनी चाहिए।