भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों और केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग के सहायक कार्यकारी अभियन्ताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 14.03.2023
भारतीय राजस्व सेवा के 76वें बैच के और केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (2020 और 2021 बैच) के सहायक कार्यकारी अभियन्ताओं ने आज 14 मार्च, 2023 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के लिए प्रत्यक्ष करों के संग्रह की जिम्मेदारी एक बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है जिसके लिए अत्यधिक प्रभावशीलता और पारदर्शिता की आवश्यकता होती है। सरकार इन करों का उपयोग विकास परियोजनाओं के लिए धनराशि देने और नागरिकों के कल्याण कार्यों के लिए करती है। आईआरएस अधिकारियों की सरकार के लिए संसाधनों को इकट्ठा करने और इस तरह ऐसा आधार तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है जिस पर शासन के अन्य कार्य आधारित होते हैं।
उन्होंने उन्हें यह स्मरण रखने की सलाह दी कि करदाता केवल राजस्व अर्जन के स्रोत नहीं हैं, बल्कि वे राष्ट्र निर्माण में भागीदार भी हैं। उन्होंने उनसे एक ऐसा वातावरण तैयार करने का आग्रह किया जो कर संग्रह के लिए तो अनुकूल हो ही साथ ही करदाताओं के लिए भी अनुकूल हो।
सहायक कार्यकारी अभियंताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक भवनों, सरकारी कार्यालयों, आवास और अन्य परियोजनाओं के निर्माण तथा रखरखाव की ज़िम्मेदारी केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की है, जो प्रशासन और शासन चलाने वाले लोगों द्वारा प्रभावशाली कार्यनिष्पादन के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि भारत में तेजी से हो रहे विकास के कारण सड़कों, राजमार्गों, हवाई अड्डों और सार्वजनिक स्थलों जैसे अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी कार्यालयों जैसी सार्वजनिक बुनियादी परियोजनाओं की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग अधिकारियों के रूप में सहायक कार्यकारी अभियंताओं को ऐसे बुनियादी ढांचे तैयार करने चाहिए जो न केवल वर्तमान की जरूरतों को पूरा करें बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य भी सुनिश्चित करें। उन्होंने उनसे परियोजनाओं को ऊर्जा बचाने वाली, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए नए तरीके खोजने का भी आग्रह किया।