भारत की राष्ट्रपति संघ राज्य-क्षेत्र लद्दाख के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 31.10.2023
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 31 अक्तूबर, 2023 को लेह में संघ राज्य-क्षेत्र लद्दाख के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत की राष्ट्रपति के रूप में उनकी पहली लद्दाख यात्रा इसके स्थापना दिवस पर हो रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि लद्दाख में तेजी से बहुआयामी विकास हो रहा है। उन्होंने प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहने के लिए लद्दाख के लोगों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि लेह और कारगिल की स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को निरंतर मजबूत बनाया है तथा लद्दाख के विकास के लिए, विशेषकर युवाओं के रोजगार के लिए सार्थक कदम उठाए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान लद्दाख के लिए केंद्र सरकार द्वारा बजट के प्रावधानों में पांच गुना बढ़ोतरी की गई है। यह लद्दाख के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को बचाते हुए और यहां के लोगों की अलग पहचान को बनाए रखते हुए लद्दाख को विकास के मार्ग पर आगे ले जाना है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि लद्दाख की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए अवसंरचना के विकास पर बहुत जोर दिया जा रहा है। अनेक नई नीतियां लागू की गई हैं. उन्होंने कहा कि इन कदमों से लद्दाख की आर्थिक प्रगति, विशेषकर पर्यटन के विकास को गति मिल रही है। लेकिन, साथ ही, इस क्षेत्र को स्वच्छ रखना हम सभी की प्राथमिकता है। सस्टेनेबल टूरिज्म और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म पर जोर दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लक्ष्य के अनुरूप अनेक कदम उठाए गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने हरित ऊर्जा के विकास के लिए काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी द्वारा लेह में दुनिया का पहला हाई एल्टीट्यूड ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने लद्दाख में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान की गई है। इस परियोजना के तहत 13000 मेगावाट की क्षमता वाली नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को अंतर-राज्य ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से पावर ग्रिड से जोड़ा जाएगा।
राष्ट्रपति ने कामना की कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण की यात्रा में लद्दाख आर्थिक, पर्यावरण और मानव विकास के पैमानों पर देश में अग्रणी स्थान पर रहे।