भारत की राष्ट्रपति ब्रह्मा कुमारी द्वारा आयोजित 'स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण' कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 27.05.2024
भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 27 मई, 2024 को नई दिल्ली में ब्रह्मा कुमारी द्वारा आयोजित 'स्वच्छ और स्वस्थ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण' कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह में शामिल हुईं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व इतिहास के तथा राष्ट्रों के इतिहास के स्वर्णिम अध्याय सदैव आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित रहे हैं। विश्व इतिहास साक्षी है कि आध्यात्मिक मूल्यों का तिरस्कार करके केवल भौतिक प्रगति का मार्ग अपनाना अंततः विनाशकारी ही सिद्ध हुआ है। स्वच्छ मानसिकता के आधार पर ही समग्र स्वास्थ्य संभव होता है। सही अर्थों में स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों आयामों पर खरा उतरता है। ऐसे व्यक्ति स्वस्थ समाज, राष्ट्र और विश्व समुदाय का निर्माण करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आध्यात्मिक सशक्तीकरण ही वास्तविक सशक्तीकरण होता है। जब किसी धर्म और पंथ के मानने वाले अध्यात्म के आधार से हट जाते हैं तो वे धर्मान्धता का शिकार हो जाते हैं, अस्वस्थ मानसिकता से ग्रस्त हो जाते हैं आध्यात्मिक मूल्य सभी धर्मों के लोगों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वार्थ से ऊपर उठकर लोक-कल्याण की भावना से कार्य करना, आंतरिक आध्यात्मिकता की सामाजिक अभिव्यक्ति है। लोक-हित यानी परोपकार करना सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक मूल्यों में से एक है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भय, आतंक और युद्ध को बढ़ावा देने वाली शक्तियां विश्व के कई हिस्सों में बहुत सक्रिय हैं। ऐसे वातावरण में ब्रह्माकुमारी संस्थान ने 100 से अधिक देशों में अनेक केन्द्रों के माध्यम से मानवता के सशक्तीकरण का प्रभावी मंच उपलब्ध कराया है। यह आध्यात्मिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार द्वारा विश्व बंधुत्व को शक्ति प्रदान करने का अमूल्य प्रयास है।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि ब्रह्मा कुमारी संस्थान महिलाओं द्वारा संचालित किया जाने वाला विश्व का संभवतः सबसे बड़ा आध्यात्मिक संस्थान है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान में ब्रह्माकुमारी बहनें आगे रहती हैं तथा उनके सहयोगी ब्रह्माकुमार भाई नेपथ्य में कार्यरत रहते हैं। ऐसे अनूठे सामंजस्य के साथ, यह संस्थान निरंतर आगे बढ़ रहा है। ऐसा करके, आप सबने विश्व समुदाय के सम्मुख आध्यात्मिक प्रगति और महिला सशक्तीकरण का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।