2022 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 01.07.2024
वर्तमान में केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिवों के रूप में तैनात 2022 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के एक समूह ने आज 1 जुलाई, 2024 को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने आईएएस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा को एक सपना माना जाता है। उन्होंने कहा कि लाखों महत्वाकांक्षी युवा आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखते हैं। उनमें से कई लोग इस सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत भी करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे सभी युवाओं में यह अवसर केवल आपको मिला है कि इस प्रतिष्ठित सेवा के माध्यम से आप देशवासियों के कल्याण के लिए कार्य करें। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे जहां भी काम करें, वहाँ अपनी संवेदनशीलता, ईमानदारी और कार्यकुशलता की छाप छोड़ें।
राष्ट्रपति ने कहा कि हाई टेक्नोलॉजी के इस युग में जब लोगों को देश-दुनिया की जानकारी रियल टाइम में मिल रही है, तो अधिकारियों की चुनौतियां और बढ़ जाती हैं। आप जब तक किसी भी योजना के सामाजिक या आर्थिक लक्ष्य हासिल करेंगे, तब तक लोगों की ज़रूरतें, जागरूकता और आकांक्षाएं और बढ़ चुकी होंगी। इसलिए, उन्हें आज से ही ऐसे सिस्टम बनाना शुरू करना चाहिए जो उन्हें भविष्य के लिए तैयार रखें।
राष्ट्रपति ने कहा कि बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने, समावेशी और सतत विकास तथा हर वर्ग के लोगों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रशासन की कार्य संस्कृति जनभागीदारी पर आधारित होनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज के संदर्भ में अधिकारियों को प्रशासक की ही नहीं बल्कि सुविधाप्रदाता और प्रबंधक की भी भूमिका निभानी है। आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि आप सबको साथ लेकर जवाबदेह, पारदर्शी और प्रभावी प्रशासन प्रदान कर पाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रशासक के लिए सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण होता है लोगों का विश्वास जीतनाऔर उसे बनाये रखना। उन्होंने उन्हें पहुंच, पारदर्शिता और विश्वास निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने आगाह किया कि अपने प्रचार के लिए प्रौद्योगिकी, खासकर सोशल मीडिया का उपयोग करने से बचना चाहिए।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि नैतिकता पर किसी भी तरह के आघात से निपटने के लिएआपको आरंभ से ही सचेत और सक्रिय रहना होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने के साथ-साथ वे सब अपने निजी आचरण में भी सत्यनिष्ठा,नीतिपरायणता और स्थिरता को बढ़ावा देंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित मानसिकता अनिवार्य है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी अधिकारी नई सोच के साथ नए समाधानों के द्वारा देश के विकास को आगे बढ़ाएंगे।