भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सूरीनाम में भारतीय समुदाय के लिए आयोजित स्वागत समारोह में संबोधन

पारामारिबो, सूरीनाम : 06.06.2023

डाउनलोड : भाषण भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सूरीनाम में भारतीय समुदाय के लिए आयोजित स्वागत समारोह में संबोधन(हिन्दी, 93.26 किलोबाइट)

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आज मेरे साथ जुड़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद! मैं अपने साथ भारत में आपके भाइयों और बहनों की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं लेकर आई हूं। मुझे बहुत खुशी है कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद विदेश में मेरी पहली राजकीय यात्रा सूरीनाम की है। यहां मिले प्यार और स्नेह से मैं अभिभूत हूं। इस दौरे पर मेरे साथ Minister of State साध्वी निरंजन ज्योति जी और लोकसभा सदस्य श्रीमती रमा देवी जी, और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण आए हैं।

कल शाम जब मैं Independence Square पर भारतीय आगमन के 150 वर्ष पूरे होने के समारोह में शामिल हुई, तो मैं यह देखकर मंत्रमुग्ध हो गई कि कैसे सूरीनाम ने अपनी संस्कृति, परंपरा और भाषा को 150 वर्षों तक जीवंत रखा है। सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की 150वीं वर्षगांठ को संयुक्त रूप से मनाने के लिए यहां होना मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के लिए बहुत सम्मान और सौभाग्य की बात है।

प्रिय मित्रों,

हमें इस वर्ष जनवरी में भारत में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय दिवस में विशेष अतिथि के रूप में राष्ट्रपति संतोखी की मेजबानी करने में प्रसन्नता हुई। पिछले दो दिनों में मैंने राष्ट्रपति संतोखी के साथ जो विचार-विमर्श किया, वह व्यापक और उपयोगी था, जो हमारी साझेदारी को और बढ़ाने और गहरा करेगा। सूरीनाम में भारतीय मूल के नेताओं को सार्वजनिक सेवा के उच्चतम पदों तक पहुंचते देख हमें गर्व होता है।

पिछले 150 वर्षों में सूरीनाम हमारे भारतीय भाइयों और बहनों और उनके वंशजों का घर रहा है। इससे पहले आज मुझे लाला रूख संग्रहालय देखने का अवसर मिला। सूरीनाम में हिंदुस्तानी समुदाय और उनके पूर्वजों की कठिन यात्रा के अनुभव को एक साथ बुनते हुए, कलाकृतियों और कहानियों के पोषित भंडार को देखकर मैं बहुत प्रभावित हुई।

150 साल पहले, हजारों की संख्या में बाबा और माई उस पहले जहाज पर सवार होकर भारत के तटों से रवाना हुए। उनके हाथों में, अपनी सबसे बहुमूल्य संपत्ति थी: रामायण जैसे कुछ आस्था के प्रतीक, और कुछ आभूषण और कपड़े, जो आज हमें दिखने में मामूली लग सकते हैं, लेकिन उनके लिए अद्वितीय थी। बाबा और माई के पदचिन्हों पर चलकर, यहां के हिन्दुस्तानी अपनी विरासत का सम्मान करते हैं। यह भारत में लाखों लोगों के लिए एक गहन प्रेरणा है। इस स्थायी बंधन का प्रतीक कोलकाता में हुगली के तट पर स्थित एक और बाबा और माई स्मारक है - जहां से लाला रूख ने प्रस्थान किया।

देवियो और सज्जनो

मुझे खुशी है कि सूरीनाम में प्रवासी भारतीय देश के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने लगभग सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। भारत को इंडो-सूरीनाम के लोगों की उपलब्धियों और सूरीनाम के विकास में उनकी भूमिका पर बहुत गर्व है।

मेरी सरकार की प्राथमिकता दुनिया भर के प्रवासी भारतीयों के साथ, विशेष रूप से सूरीनाम सहित गिरमिटिया भूमि में हमारे भारतीय प्रवासियों के साथ, स्थायी संबंध बनाना है।

मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सूरीनाम के हमारे भाइयो और बहनो के लिए अब OCI Card की eligibility को चौथी पीढ़ी से बढाकर छठी पीढ़ी कर दी गयी है। जिससे इसमें कई और प्रवासी सदस्य शामिल हो सकेंगे।

देवियो और सज्जनो,

आज, भारत परिवर्तन और प्रगति के पथ पर है। हम तेजी से हो रही वृद्धि के साथ गति बनाए रखने के लिए, नए infrastructure का निर्माण कर रहे हैं। हम Digital services, नयी technology, जलवायु परिवर्तन कार्यक्रमों पर वैश्विक नेतृत्व ले रहे हैं साथ ही हम एक knowledge society के रूप में उभर रहे हैं। भारत की उल्लेखनीय आर्थिक क्षमता ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त की है। हमने पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ निर्यात के आंकड़े हासिल किए हैं। अभूतपूर्व वैश्विक महामारी ने सहयोग करने के हमारे संकल्प को नहीं डिगाया। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से, भारत ने Vaccine Maitri पहल के तहत 150 से अधिक देशों को दवाएं और टीके प्रदान किया।

आप सभी भारत की Fin-tech क्रांति से अच्छी तरह परिचित हैं। पिछले 9 वर्षों में हमने लगभग 500 million भारतीयों के बैंक खाते खोले हैं। अगर आप हाल ही में भारत आए हैं, तो आपने देखा होगा कि हर जगह डिजिटल लेन-देन हो रहा है, चाहे वह शॉपिंग मॉल हो या चाय की दुकान। भारत इन सभी अनुभवों को साझा करने और सूरीनाम की प्रगति और विकास में उसका साथ देने के लिए तैयार है।

देवियो और सज्जनो,

दुनिया के नक्शे पर हमारे दोनों देशों के बीच लंबी दूरी है, लेकिन हम साझा इतिहास और विरासत से जुड़े हुए हैं। सूरीनाम और सूरीनाम के लोग, हमारे दिलों में एक बहुत ही खास जगह रखते हैं। आप सभी हमारे दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग के सेतु का काम करते हैं - एक तरह से आप सूरीनाम में भारत के स्थायी Ambassadors हैं।

मुझे विश्वास है कि आप सभी अपने-अपने क्षेत्र में कड़ी मेहनत करते रहेंगे और इस अनूठे रिश्ते को और मजबूत करेंगे।

आपसे मिलकर और आपके साथ बातचीत करके खुशी हुई। मैं आप सभी की सफलता, अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और समृद्धि की कामना करती हूं।

धन्यवाद।   
जय हिन्द   
भारत-सूरीनाम मित्रता अमर रहे!

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