भारत की राष्ट्रपति एमएनआईटी जयपुर के 18वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं

राष्ट्रपति भवन : 18.09.2024

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 18 सितंबर, 2024 को जयपुर, राजस्थान में मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) के 18वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि एनआईटी की स्थापना देश में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। ये संस्थान  दक्ष और निपुण मानव संसाधन उपलब्ध कराने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। एनआईटी के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए इन्हें 'राष्ट्रीय महत्व के संस्थान' का दर्जा दिया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि एनआईटी में आधे विद्यार्थी गृह राज्य से आते हैं जबकि आधे भारत रैंकिंग के आधार पर अन्य राज्यों से आते हैं। इस प्रकार, जहां एक ओर यह प्रणाली स्थानीय प्रतिभा को निखरने का अवसर देती है वहीं दूसरी ओर देश की ‘विविधता में एकता की भावना’ को मजबूत करने का भी काम करती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को अनुसंधान और नवाचार केंद्र बनाने में एनआईटी जैसे तकनीकी संस्थानों की भूमिका अहम है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एमएनआईटी में स्थापित इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर ने अब तक अनेक स्टार्ट-अप कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिनसे बड़ी संख्या में प्रतिभागी लाभान्वित हुए हैं। एमएनआईटी के इन्क्यूबेशन सेंटर में लगभग 125 स्टार्ट-अप पंजीकृत हो चुके हैं, जो रोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति के इस दौर में चुनौतियों के साथ-साथ नए अवसर भी आ रहे हैं। इन अवसरों का लाभ उठा कर भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्र बनाने में हमारे तकनीकी संस्थानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एमएनआईटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना समय की मांग के अनुरूप अपने को ढालने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि एमएनआईटी ने एनआईआरएफ की इंडिया रैंकिंग 2024 की 'इंजीनियरिंग श्रेणी' में देश के 50 शीर्षस्थ संस्थाओं में स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एमएनआईटी के संकाय, विद्यार्थी और कर्मचारी कड़ा  परिश्रम  करेंगे और एमएनआईटी को देश के शीर्ष 10 संस्थाओं में स्थान दिलाएंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी न केवल देश के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए  महत्वपूर्ण है बल्कि हमारी बेटियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में एसटीईएमएम में लड़कियों का नामांकन बढ़ा है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस दीक्षांत समारोह में 20 स्वर्ण पदकों में से 12 स्वर्ण पदक हमारी बेटियों ने प्राप्त किए हैं जबकि उपाधि प्राप्त करने वाले कुल विद्यार्थियों में लगभग 29 प्रतिशत ही बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि पदक विजेताओं में बेटियों का यह अनुपात इस बात का प्रमाण है कि अगर उन्हें समान अवसर दिए जाएं तो वे अपेक्षाकृत अधिक उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं।

राष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि वे अब अपने जीवन के एक नये चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। उनके समक्ष नई-नई चुनौतियां और अवसर होंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एमएनआईटी में प्राप्त ज्ञान और कौशल के बल पर वे उन चुनौतियों का सामना करने और उभरते अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।

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