भारत की राष्ट्रपति एम्स, नई दिल्ली के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं

हम कह सकते हैं कि एम्स गीता के कर्म योग का जीता-जागता रूप है: राष्ट्रपति मुर्मु

राष्ट्रपति भवन : 21.03.2025

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 21 मार्च, 2025 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स, नई दिल्ली एक ऐसा संस्थान है, जिसने स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा और जीव विज्ञान अनुसंधान में उत्कृष्टता हासिल करके पूरी दुनिया में अपनी प्रतिष्ठा बनाई है। यह उन लाखों रोग-पीड़ितों के लिए आशा का केन्द्र है, जो अक्सर दूर-दराज के क्षेत्रों से उपचार के लिए आते हैं। इसके संकाय सदस्य पैरामेडिक्स और गैर-चिकित्सा कर्मचारियों की मदद से वंचितों और विशेष व्यक्तियों का समान निष्ठा और सहानुभूति से इलाज करते हैं। हम कह सकते हैं कि एम्स गीता के कर्म योग का जीता-जागता रूप है।

राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स ने न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह मेड-इन-इंडिया की सफलता की एक गौरवपूर्ण कहानी है और यह पूरे देश के लिए अनुकरणीय मॉडल है। अपने अस्तित्व के 69 वर्षों में एम्स ब्रांड, मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण समय की कसौटी पर खरा उतरा है। अभिनव अनुसंधान और रोगी उपचार के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा की तरक्की के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता वास्तव में सराहनीय है।

राष्ट्रपति ने एम्स द्वारा अपने सभी कार्यों में सुशासन सुनिश्चित करने, पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन के सुचारु विकास के लिए सुशासन आवश्यक है और एम्स इसका अपवाद नहीं है। इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और अनुसंधान से ज्यादा है। और यह एक ऐसा वातावरण तैयार करने से भी जुड़ी है जहां हर हितधारक का ध्यान दिया जाता है, संसाधनों का विवेकसम्मत उपयोग किया जाता है और उत्कृष्टता को आदर्श समझा जाता है।

भावनात्मक स्वास्थ्य के मुद्दे पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया के लिए आज की यह एक गंभीर चुनौती है। उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी, विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए, निराशा रहने की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि जीवन में हर नुकसान की भरपाई की जा सकती है, किन्तु एक अनमोल जीवन जाने के नुकसान की नहीं। उन्होंने एम्स के अध्यापकों से मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया, जिससे लोगों को इस छिपी हुई अस्वस्थता का पता चल सके।

उपाधि प्राप्त करने वाले विद्य़ार्थियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अब उन्हें अपनी शिक्षा का उपयोग करते हुए एक उज्ज्वल कैरियर बनाना है। उन्होंने विद्य़ार्थियों से वंचितों की मदद करने के किसी भी अवसर को कभी नहीं चूकने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश के अनेक क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में चिकित्सा पेशेवर नहीं हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भले ही वर्ष के कुछ समय के लिए ही सही, उन्हें उन क्षेत्रों में लोगों की सेवा करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने विद्य़ार्थियों को अपने आस-पास के लोगों की देखभाल करने और अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने की सलाह दी।

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