भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस में संबोधन।
मोका : 12.03.2024
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आज इस शुभ दिन पर प्रतिष्ठित महात्मा गांधी संस्थान, मोका में उपस्थित होना एक बड़ा सौभाग्य और सम्मान की बात है। 12 मार्च हमारे दोनों देशों के लिए विशेष महत्व रखता है – इस दिन वर्ष 1930 में भारत में महात्मा गांधी द्वारा ऐतिहासिक दांडी मार्च का नेतृत्व किया गया था, और इस दिन को मॉरीशस के स्वतंत्रता दिवस के रूप में स्वीकार गया था। मैं इस खुशी के अवसर पर आप सब को अपनी और भारत की जनता की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देती हूँ।
प्यारे मित्रों,
मॉरीशस और भारत के बीच विशेष और अनोखे संबंध हैं। मॉरीशस की लगभग 70 प्रतिशत आबादी भारतीय मूल की है, जिसने सभी क्षेत्रों में भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखा है। मुझे यह देखकर बहुत गर्व होता है कि यह द्वीप, जहां लगभग 190 साल पहले भारत से गिरमिटिया मजदूरों का पहला जत्था आया था, एक मजबूत, समृद्ध, लोकतांत्रिक और आधुनिक देश बना है। मॉरीशस अफ्रीका के सबसे समृद्ध और सुरक्षित देशों में से एक है और एक वित्तीय महाशक्ति भी है।
कठिन माहौल में आपके और आपके पूर्वजों के अपार संघर्ष और कड़ी मेहनत से प्रभावकरी परिवर्तन हुआ है। शुरू में मजदूरों के रूप में यहाँ आना हुआ था और देश की राजनीति और उसके नेतृत्व में हिस्सेदारी पाने के लिए लंबा महत्वाकांक्षी मार्ग पार किया गया है और यह मार्ग बहुत उल्लेखनीय रहा, इतिहास में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। जैसा कि महात्मा गांधी जी ने मॉरीशस के अपने ऐतिहासिक पारगमन के दौरान जनता के राजनीतिक सशक्तीकरण पर जोर दिया था, उसका लाभ मॉरीशस को मिला है, जिसे मैं आज साफ देख सकती हूं। मॉरीशस में भारतीय प्रवासियों द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति न केवल भारत में हमारे लिए गर्व की बात है, बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।
मॉरीशस के मेरे प्यारे भाईयों और बहनों,
यहां उपस्थित आप सभी लोगों ने, न केवल अपने दिलों में, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में, भारतीय परंपराओं और संस्कृतियों को जीवित रखकर इस सफलता की कहानी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिस उत्साह और उल्लास के साथ मॉरीशस के लोग महा शिवरात्रि, कवडी, गणेश चतुर्थी, ईद, होली, दिवाली आदि जैसे त्योहार मनाते हैं, वह देखने लायक है। मुझे बताया गया है कि मॉरीशस के कई लोग चारधाम यात्रा के लिए भारत आते हैं। भारत के साथ-साथ, मॉरीशस में भी लोगों ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर उत्सव मनाया।
यह स्वाभाविक ही था, कि जनवरी 2023 में इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस में, 500 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ, सबसे बड़े प्रतिनिधिमंडलों में से एक, मॉरीशस से आया। हमारे दोनों देशों के बीच विशेष बंधन को संजोने के लिए, मैं आप सभी के प्रति अपना स्नेह व्यक्त करना चाहती हूँ।
प्यारे मित्रों,
आज का नया भारत हर क्षेत्र में बहुत प्रगति कर रहा है। यह सक्रिय, प्रगतिशील, मुखर है और मजबूती से विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने जा रहा है। इससे मॉरीशस के युवाओं के लिए नए रास्ते खुलेंगे और उन्हें नए अवसर प्राप्त होंगे। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 7वीं पीढ़ी के भारतीय मूल के मॉरीशसवासियों के लिए ओसीआई कार्ड पात्रता का विस्तार किए जाने से कई और युवा मॉरीशसवासी अपने पूर्वजों के जन्मस्थान से फिर जुड़ सकेंगे।
भारत सदा मॉरीशस और मॉरीशस के लोगों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी आपका साथ निभाता रहेगा। हमारे संबंध व्यापक हैं और इनमें सहयोग का प्रत्येक पहलू शामिल है। हमारी दशकों पुरानी विकास साझेदारी मॉरीशस की विकास यात्रा में योगदान देने और मॉरीशस की जनता के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण है।
यहां पहुंचने से ठीक पहले मुझे मेट्रो में यात्रा करने का अवसर मिला, और मैं, रेडुइट स्टेशन का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखने के साथ-साथ स्टेशन पर प्रसिद्ध और हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण दांडी मार्च का चित्रण करने की मॉरीशस सरकार की विशेष पहल से बहुत प्रभावित हुई।
इसी तरह, हमारे आर्थिक संबंध भी मजबूत हुए हैं। हमें मॉरीशस के साथ पहले मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की खुशी है, यह अफ्रीकी देशों में पहला समझौता है तथा 2021 में व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इससे न केवल द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हमें मॉरीशस के माध्यम से अफ्रीका के साथ आर्थिक संबंध बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी। रक्षा और समुद्री संबंध हमारे विशेष संबंधों का एक और महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, मॉरीशस को जिस प्रकार की भी सहायता की आवश्यकता होती है, भारत उसे प्रदान करता है, फिर वह रक्षा प्लेटफार्मों उपलब्ध करना हो, अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति हो, क्षमता निर्माण पहल हो या एचएडीआर सहायता हो।
हाल की पहल जैसे कि यूपीआई और रुपे कार्ड लॉन्च करना, अगालेगा में परियोजनाओं का उद्घाटन, जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति और कई सामुदायिक विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करना, जारी रहने वाली विकास साझेदारी के उदाहरण हैं।
मैं, आप सभी को आश्वस्त करती हूं कि मॉरीशस के साथ संबंध हमारे लिए बहुत महत्व रखते हैं और हम आगे भी हमारे संबंधों को पोषण देते ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच बने विशेष संबंध और मजबूत हों।
जैसा कि भारत इस विशेष संबंध के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है, मैं आज इस मंच से महात्मा गांधी संस्थान से कहना चाहूंगी की मॉरीशस के युवाओं को न केवल सांस्कृतिक और भाषाई रूप से, बल्कि उन्हें शैक्षिक और व्यावसायिक अवसर भी प्रदान करके, भारत से जोड़ने के लिए और अधिक अवसर उपस्थित करें। मैं, विभिन्न भाषा-भाषी संघों से भी अनुरोध करती हूं कि वे मॉरीशस में भारतीय भाषाओं के संरक्षण और प्रचार-प्रसार का कार्य जारी रखने के लिए और अधिक परिश्रम करें। भारत हमेशा खुले हृदय और गर्मजोशी से आपका स्वागत करेगा।
मैं, भव्य स्वागत के लिए महात्मा गांधी संस्थान में सब का धन्यवाद करती हूं और आपके राष्ट्रीय दिवस पर आप सब को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।
जय हिन्द! जय मॉरीशस!
धन्यवाद!